लखनऊ। जहां कुछ लोग समाज में जहर उगलते रहते हैं वहीं ऐसे लोग भी हैं जो नेक काम व अपने भाई चारा को कभी नहीं भूले हैं, एक ऐसा ही मामला शामली जिले का है। यहां एक 60 वर्षीय मुस्लिम मरीज को खून देकर जान बचाने के लिए इस लॉकडाउन में भी हिन्दू रक्तदाताओं का रेला उमड़ पड़ा। आपसी सौहार्द्र और भाईचारे की इस मजबूत कड़ी में गृहणी से लेकर कलक्ट्रेट के कर्मचारी तक शामिल रहे।
दरअसल शामली निवासी 60 वर्षीय नूर मोहम्मद करीब एक सप्ताह से बीमार थे। दो दिन पहले उनकी तबियत अधिक खराब होने पर उन्हें नर्सिंगहोम में भर्ती कराया गया जहां उन्हें पीलिया बताते हुए डॉक्टरों ने 10 यूनिट ब्लड की जरूरत बताई। नूर मोहम्मद के बेटे मोहम्मद अनवर ने बताया कि लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों से नहीं निकल पा रहे, ऐसे में इतने यूनिट ब्लड के बारे में सुनते ही सिर चकरा गया। बाद में डॉक्टर के माध्यम से ब्लड बैक संचालक अजय संगल से संपर्क किया गया। इसके बाद चंद घंटों में ही रक्तदाताओं से ब्लड का प्रबंध हो गया। ये सभी दस डोनर हिन्दू हैं जिनमें गृहणी सीमा मित्तल से लेकर कल्क्ट्रेट कर्मचारी मनोज कुमार तक शामिल हैं। ये सब देखकर उनकी आंखे नम हो गईं। मौत व जिंदगी के बीच जूझ रहे नूर मौहम्मद का बेटा अनवर ने बताया कि करीब एक सप्ताह से मेरे पिता बीमार चल रहे हैं। दो दिन पहले उनकी तबीयत ज्यादा खराब हुई तो नर्सिंगहोम में भर्ती कराने पर पता चला की उन्हें गंभीर पीलिया है। तत्काल 10 यूनिट ब्लड की जरुरत पड़ेगी। हम परेशान हो गए आखिर इस लॉकडाउन में कौन खून देने आता। डॉक्टर ने ब्लड बैंक में बात की और व्हाट्सअप मैसेज भेजने के बाद कुछ ही घंटों में हिन्दू भाई-बहन ब्लड डोनेट करने पहुंच गए।