लखनऊ: चारबाग के प्लेटफॉर्म नम्बर-1 पर ट्रेन से उतरते ही खिल उठे मजदूरों के चेहरे, बोले- योगी बाबा धन्यवाद

लखनऊ: चारबाग के प्लेटफॉर्म नम्बर-1 पर ट्रेन से उतरते ही खिल उठे मजदूरों के चेहरे, बोले- योगी बाबा धन्यवाद

                                                                    ◆ नासिक में ड्राइवर का काम करने वाले आजमगढ़ के अरुण ने सरकार द्वारा 857 श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिये सरकार का शुक्रिया अदा किया. वह अपने दोस्त राजेश कुमार, ओम प्रकाश, और नीरज कुमार के साथ लौटा थे. चारबाग बाहर खड़ी बसों से सभी मजदूरों को उनके गृह जनपद भेजा गया.  बस खुलते मजदूर बोले-योगी बाबा धन्यवाद,   उनकी आगवानी में लगे अधिकारी व कर्मियों के प्रति आभार जताया ◆

लखनऊ, Purvanchal News Print: तौलिये को मास्क के रूप में चेहरे पर लपेटे नासिक से अपने घर लौटे प्रवासी मजदूर मुलायम यादव के चेहरे पर एक गजब की चमक और मुस्कुराहट थी और आँखों में अजीब सा सुकून और खुशी के आंसू. श्रमिक स्पेशल ट्रेन जैसे ही रविवार सुबह छह बजे लखनऊ के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर पहुंची तो आठ सौ से अधिक मजदूरों के चेहरे की भावनाओं को अपने कैमरे में कैद करने के लिये तमाम फोटो  फोटोग्राफर और पत्रकार उस ओर दौड़ पड़े  20 साल का मुलायम जौनपुर के मछलीशहर का रहने वाला है जो नासिक में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम कर रहा था. उसके चेहरे पर खुशी झलक रही थी क्योंकि अब उसे अपने घर वालों से मिलने के लिए बस कुछ घंटे का इंतजार करना था. चारबाग रेलवे स्टेशन पर, 5 बज कर 34 मिनट पर पहली घोषणा हुई कि नासिक से आने वाली 02121 श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्लेटफार्म संख्या एक पर ही कुछ ही मिनटों में आ रही है.
करीब 5 बजकर 52 मिनट पर स्पेशल ट्रेन के इंजन की लाइट प्लेटफॉर्म से दिखने लगी थी. इसके बाद रेलवे और पुलिस कर्मचारी सावधानी की मुद्रा में आ गये. प्लेटफॉर्म पर टीटीई की भी तैनाती की गयी थी ताकि वे यह सुनिश्चित कर सकें कि नासिक से आने वाले यात्रियों को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुये ट्रेन से उतारा जा सके और प्लेटफार्म पर खड़ा किया जा सके. प्लेटफॉर्म पर जैसे ही ट्रेन ने प्रवेश किया उसमें बैठे मजदूर खुशी के मारे झूम उठे थे.स्टेशन से यात्रियों की निकासी की निगरानी कर रहे रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यात्रियों के स्टेशन से बाहर निकलने के लिये दो रास्ते बनाये गये. एक ट्रेन के शुरूआती डिब्बों के पास से जबकि दूसरा ट्रेन के पिछले डिब्बे वाले यात्रियों के लिये. इस बीच ट्रेन से उतरे यात्री सामाजिक दूरी का पालन करते हुये मेडिकल जांच के बाद एक-एक करके स्टेशन से बाहर निकले और इस दौरान उन्होंने जल्दबाजी नही दिखाई. स्वास्थ्य जांच पूरी होने के बाद यात्रियों को खाने का एक-एक पैकेट दिया गया और उन्हें अपने- अपने जिलों को जाने वाली बसों में बैठने को कहा गया। 
नासिक से 21 घंटे के सफ़र के बाद यूपी लौटे 847 प्रवासी मजदूरों का चेहरा खिला हुआ दिखा. इनमें पांच साल से कम उम्र के 11 बच्चे भी थे. 22 मार्च के बाद पहली बार चारबाग स्टेशन पर कोई यात्री ट्रेन पहुंची.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने यात्रियों को उनके गृह जिलों तक पहुंचाने के लिये रेलवे स्टेशन के बाहर बसों का इंतजाम किया गया था. नासिक में ड्राइवर का काम करने वाले आजमगढ़ के अरुण ने सरकार द्वारा सैकड़ों श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिये सरकार का शुक्रिया अदा किया। वह अपने दोस्त राजेश कुमार, ओम प्रकाश, और नीरज कुमार के साथ लौटा था। मेडिकल जांच के बाद वह आजमगढ़ की बस में बैठ गया और बस के चलते ही उसने पुलिसकर्मियों और अन्य कर्मचारियों की तरफ देखकर हाथ हिलाकर उनको धन्यवाद दिया.                                               इसी तरह सोनभद्र के सूर्या जय कुमार की आंखों में ट्रेन से उतरते समय काफी सुकून दिख रहा था। उसने बताया कि “यात्रा के दौरान रास्ते में उन्हें खाने-पीने की कोई समस्या नहीं हुई. अब बस जल्दी से जल्दी अपने घर अपनों के पास पहुंच जाने का मन है।” उसके साथी यात्री उदय का भी यही कहना था. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव बोस ने बताया कि परिवहन निगम ने रेलवे स्टेशन के बाहर 32 बसों की व्यवस्था की गई है. ये बसें यात्रियों को प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित उनके घरों तक पहुंचाएगी.