दुर्गावती (कैमूर-बिहार)/चन्दौली (उत्तरप्रदेश), रिपोर्ट: संजय मल्होत्रा: वैश्विक करोना महामारी को लेकर देश में लाक डाउन-2 के अंतिम दिन सरकार की नींद टूटी गई. प्रवासी मजदूर देश में लॉक डाउन लागू होने के बाद से ही भूखे प्यासे पैरों में सूजन और आंखों में नींद की दर्द लिए यात्रा करते रहे. इन मजदूरों के अनुसार कहीं भी उनको रहने- खाने की व्यवस्था देखने को नहीं मिली. इसी क्रम में सरकार के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश-बिहार की सीमा पर दूसरे राज्यों के प्रवासी मजदूरों को भोजन के साथ-साथ स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई. उसके बाद उन्हें गंतव्य जिलों को भेजने का क्रम बसों के द्वारा आज से शुरू हो गया. शनिवार की सांयकाल कैमूर जिला पदाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी व एसपी दिलनवाज अहमद और चंदौली डीएम नवनीत सिंह चहल व एसपी हेमंत कुटियाल ने यूपी-बिहार बॉर्डर कर्मनाशा नदी पर पहुंचकर जायजा लिया. जहां प्रवासी मजदूरों को थर्मल स्क्रीनिंग कराने के बाद भोजन कराया जा रहा है और उनके गृह जिला के लिए बस द्वारा भेजा जा रहा है. बताते चलें कि अप्रवासी मजदूर अपना राज्य छोड़कर परिवार का भरण पोषण करने के लिए दूसरे राज्यों में काफी संख्या में फंसे हुए थे. भारत सरकार द्वारा बीते 24 मार्च की रात्रि से लाख डाउन की घोषणा होने के बाद प्रवासी मजदूरों, छात्र-छात्राएं देश के विभिन्न राज्यों में फंस गए थे. केंद्र सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी होने के बाद विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी लोग दुर्गावती प्रखंड अंतर्गत कर्मनाशा नदी यूपी बिहार बॉर्डर पर दूसरे राज्यों से काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं.जहां से उनको थर्मल स्कैनिंग कराकर और खाना खिलाने के बाद बसों के द्वारा उनके गृह जिला भेजा जा रहा है.ज्ञातव्य हो कि केंद्र सरकार के द्वारा अनुमति मिलते ही यूपी-बिहार बॉर्डर पर हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर पहुंचने लगे हैं. जहां से बिहार सरकार के द्वारा लोगों को जांच करने के बाद उनके गृह जिला भेज दिया जा रहा है.
लॉक डाउन-2 के अंतिम दिन नींद से जागी सरकार भोजन के साथ प्रवासी मजदूरों को घर भेजने को बसें कर रही इंतजार, कैमूर व चन्दौली के आला- अफसरों ने यूपी-बिहार बार्डर का किया संयुक्त निरीक्षण
5/02/2020 05:48:00 pm
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