Breaking News Kaimur: यूपी- बिहार बार्डर स्थित जांच केंद्र के पास भूख से तड़प-तड़प प्रवासी मजदूर की चली गई जान!

Breaking News Kaimur: यूपी- बिहार बार्डर स्थित जांच केंद्र के पास भूख से तड़प-तड़प प्रवासी मजदूर की चली गई जान!


◆  24 घण्टे बाद भी मृत मजदूर की नहीं हो पाई शिनाख्त                               ◆  पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्पष्ट हो पाएगा कोरोना संक्रमण बीमारी से मरा या अन्य वजहों से
दुर्गावती, रिपोर्ट- संजय मल्होत्रा: बिहार राज्य के कर्मनाशा जनपद के दुर्गावती थाना अंतर्गत स्थित यूपी-बिहार बॉर्डर पर खजुरा गांव के समीप जांच केंद्र के पास बीते बुधवार की प्रवासी मजदूर की भूख से तड़प-तड़प कर मौत हो जाने का मामला प्रकाश में आया है. हालांकि अभी इसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट आने बाद हो पाएगी.
प्रवासी मजदूर की भूख और प्यास से तड़प-तड़प कर मौत के पूर्व उसकी हालत बिगड़ने की स्थिति में मौके पर जांच केंद्र स्थल के पास एम्बुलेंस व उपचार की उचित व्यवस्था मौजूद नहीं होना बताया जा रहा है. यहां की सारी  अव्यवस्था ने शासन-प्रशासन को कटघरे में खड़ा करता नजर आ रहा है. 
कोरोना वायरस वैश्विक महामारी लॉक डाउन के ड्यूटी में बॉर्डर पर शासन-प्रशासन के साथ मेडिकल टीम से लेकर दर्जनों उच्च स्तर के पदाधिकारी लगाए गए हैं.

 जहां पर एक अज्ञात प्रवासी मजदूर घंटों तक तड़पता रहा और वहां शासन प्रशासन तथा इर्द-गिर्द के स्थानीय लोग मूकदर्शक बने रहे. स्थिति यह थी कि भूख और प्यास से छटपटाता प्रवासी मजदूर के पास में कोरोना वायरस  संक्रमण के भय से कोई उसके नजदीक नहीं जा रहा था. बाद में उसकी मौत होने के बाद सरकारी मशीनरी के लोग हरकत में आए और जबकि एंबुलेंस फोन करने के घंटों बाद वहां पहुंचा. चर्चा है कि  काफी बिलम्ब के बाद एंबुलेंस के साथ हेल्थ मैनेजर जयप्रकाश के द्वारा इलाज हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दुर्गावती ले जाया गया.
 लोगों की बातें सही मानें तो अस्पताल ले जाने से पहले ही प्रवासी मजदूर की मौत हो गई थी.
 सूत्रों की मानें तो जब प्रवासी मजदूर छटपटाने लगा तो दूर से तमाशा देखने वालों की काफी भीड़ जुट गई थी.
 और जांच केंद्र के पास एंबुलेंस नहीं होने के कारण प्रवासी मजदूर की मौत हो गई है. इस मजदूर की मौत के बाद   सरकारी व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो गया है.

 स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि अगर पहले से जांच केंद्र पर एंबुलेंस रहता तो आनन-फानन में प्रवासी मजदूर की जान बचाई जा सकती थी 
 घंटों बाद एंबुलेंस आया जिसके कारण मजदूर की मौत हो गई.
 यूपी-बिहार बॉर्डर पर पहले से एंबुलेंस होता तो जान बच सकती थी. स्थानीय पुलिस ने शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भभुआ भेज दिया है.
 जहां पोस्टमार्टम होने के बाद भी 24 घंटा बीत गए लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आई है. किस वजह से उसकी
 मौत हुई है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है. उसकी मौत कोरोना संक्रमण से हुई है अथवा  
या भूख प्यास से वजह से मौत हुई है. 
 भभुआ सदर अस्पताल प्रबंधक से बात करने पर उन्होंने बताया कि शव का अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाया है. इसलिए अभी
 पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिल पाया है.
जिसकी वजह से यह पुष्टि नहीं की जा सकती है कि बीमारी के कारण उसकी मौत हुई है अथवा अन्य किसी वजह से. खबर लिखे जाने तक प्रशासन शव की पहचान करने में जुटा हुआ था.