दुर्गावती/कैमूर, रिपोर्ट:संजय मल्होत्रा: बिहार प्रान्त के कैमूर जनपद दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र स्थित यूपी-बिहार बॉर्डर खजुरा गांव के समीप हजारों हजार की संख्या में प्रवासी मजदूर पहुंच रहे हैं, जो सरकार के बदइंतजामी को खूब कोस रहे हैं. सुरेश मंडल अपने चार बच्चों और बीवी के साथ राजस्थान से पैदल की रास्ता यूपी बिहार बॉर्डर पर पहुंचे.उन्होंने बताया कि पटना के खगड़िया जिला में जाना है लेकिन रास्ते में कुछ भी खाने को नहीं मिला तीन रोज से छोटे-छोटे बच्चे भूखे और प्यासे हैं. यहां बॉर्डर पर आने के बाद बच्चों को लेकर घंटों लाइन में खड़ा रहे तब जाकर थर्मल स्क्रीनिंग व रजिस्ट्रेशन हुआ उसके बाद प्लास्टिक में हल्दी रंग में रंगे सिर्फ चावल खाने को मिला .जब प्लास्टिक खोलकर देखे गया .
तो चावल भी खराब हो चुका था. इनकी दर्द भरी कहानी सुनकर खजुरा गांव के स्थानीय लोगों के आंखों में आंसू आ गया और देर न करते हुए खजुरा गांव के लोग पूरे परिवार को भोजन कराया और छोटे बच्चे को दूध की व्यवस्था की गई. यह दर्द भरी कहानी सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है. एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि सभी प्रवासी मजदूरों को किसी प्रकार का कठिनाई नहीं होने दिया जाएगा. लेकिन वहीं दूसरी तरफ प्रवासी मजदूरों के जुबानी यह दर्द भरी कहानी बयां कर रहा है कि सरकार का व्यवस्था बिल्कुल ही नाकाम है.