धान के कटोरे की यह हालत: बंधें - बंधियां लबालब भरे जर्जर माइनरों के टूटने के डर से नहीं छोड़ा जा रहा फोर्स में पानी

धान के कटोरे की यह हालत: बंधें - बंधियां लबालब भरे जर्जर माइनरों के टूटने के डर से नहीं छोड़ा जा रहा फोर्स में पानी

                                                               
फोटो: pnp- बंधे में भरा पानी
                                                                                                                                                 ● किसानों के सवालों पर सिंचाई विभाग व सत्ता से जुड़े जनप्रतिनिधि गम्भीर नहीं: अजय राय 



शहाबगंज/ चन्दौली: चकिया तहसील के बंधें -बंधिया पानी से लबालब भरी हुई हैं , फिर भी नहर माइनर की खस्ताहाल के कारण टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है जिससे किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.                                             इसके लिए सिंचाई विभाग से लेकर सत्ता से जूड़े जनप्रतिनिधि तक दोषी हैं. आरोप है कि इनकी उदासीन की वजह से किसानों की सिंचाई की समस्या हल नहीं हो पा रही है.                        मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने नहरों में पानी न मिलने की शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि जब नहरों व माइनर के मरम्मत का समय रहता है तब सिंचाई विभाग किसानों के सवालों की अनदेखी करते रहते है.                              आज स्थिति यह हैं बड़गांवा ठेकहा तक के किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है और सिचाई विभाग के अधिकरियों से नहर तेज चलाने पर कहने पर कहते हैं कि नहर जर्जर है. करैम, सैवाल भर गया है अगर तेज पानी छोड़ेंगे तो नहर टूट जायेगी.                                                       वहीं स्थिति यह है कि किसानों को पानी देने के लिए नहरों की निरंतर पैट्रोलिंग व मानिटरिंग करने की जगह यहां सिचाई विभाग के अधिकारी गायब रहते हैं. सत्ता से जूड़े जनप्रतिनिधि को भी किसानों के सवालों से कोई मतलब नहीं हैं.                  अगर कुम्भकर्णी निद्रा में सोया सिचाई विभाग व सत्ता से जूड़े जनप्रतिनिधि किसानों के हित के लिए कदम नहीं उठाते हैं तो लॉक डाउन के नियम को पालन करते हुए किसानों को लामबंद होकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे.                                       रिपोर्ट-श्रीराम तिवारी