बिजली स्लैब में परिवर्तन कर दरों में बढ़ोत्तरी के प्रयासों पर वर्कर्स फ्रंट व आईपीएफ ने जताई नाराजगी

बिजली स्लैब में परिवर्तन कर दरों में बढ़ोत्तरी के प्रयासों पर वर्कर्स फ्रंट व आईपीएफ ने जताई नाराजगी

●Uttar Pradesh News In Hindi

कारपोरेट बिजली कंपनियों की मुनाफाखोरी व लूट के चलते मंहगी दरों पर मिल रही बिजली: अजय राय

Chandauli: बिजली स्लैब में बदलाव कर उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार डालने की योगी सरकार की कवायद पर वर्कर्स फ्रंट व आईपीएफ ने नाराजगी जताते हुए कड़ा एतराज जताया है. 

सोशल मीडिया फोटो







आईपीएफ के प्रवक्ता अजय राय ने कहा कि पब्लिक सेक्टर की राज्य व केंद्रीय परियोजनाओं से बेहद सस्ती बिजली मिल रही है, लेकिन कारपोरेट बिजली उत्पादन कंपनियों से लागत के सापेक्ष मंहगी दरों पर बिजली खरीदने से उपभोक्ताओं को पहले ही बेहद मंहगी दर से बिजली मिल रही है.

इससे बिजली बोर्डों को भारी घाटा भी उठाना पड़ा है.दरअसल, कारपोरेट बिजली उत्पादन कंपनियों की मुनाफाखोरी व लूट को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने उनसे महंगी बिजली खरीद के समझौते किये हैं.

 पब्लिक सेक्टर की परियोजनाओं की उपेक्षा और उन्हें बर्बाद किया जा रहा है जबकि कारपोरेट बिजली कंपनियों को सस्ते दर से जमीन, लोन से लेकर तमाम सुविधाएं सरकार दे रही है. 

इसी नीति के तहत संपूर्ण बिजली महकमे के इंफ्रास्ट्रक्चर को कारपोरेट घरानों के हवाले करने की नीति ली जा रही है. कारपोरेट बिजली कंपनियों का एकाधिकार होने के बाद बिजली की दरों में और ज्यादा इजाफा होगा.  

इसलिए बिजली की दरों में बढ़ोतरी और निजीकरण के खिलाफ संघर्ष एक दूसरे के पूरक हैं और आम जनता को बिजली की दरों में बढ़ोतरी सहित पब्लिक सेक्टर के किये जा रहे अंधाधुंध निजीकरण का विरोध राष्ट्रहित में है.

 उन्होंने कहा कि हाल ही में निजी कंपनी द्वारा प्रदेश भर में लगाये गए स्मार्ट मीटर के मामले में अनियमितता के संबंध में मीडिया में जो कुछ उजागर हुआ है उससे इसकी निविदा प्रक्रिया में उच्च स्तर पर हुए घोटाले की आशंका जताई जा रही है. 

इसके पहले भी अरबों के पीएफ घोटाले में कर्मचारियों की अरबों जमा पूंजी डूब चुकी है. 

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रस्तावित निजीकरण सहित बिजली महकमे के निजीकरण की प्रक्रिया से किसानों व गरीबों सहित आम जनता को बेहद महंगी बिजली मिलेगी. 

जिससे गिरती अर्थव्यवस्था व महंगाई से परेशान आम जनता की समस्या और भी विकराल होने की आशंका है, इसलिये जनहित में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रस्तावित निजीकरण का फैसला रदद् किया जाना अत्यन्त आवश्यक है. 

रिपोर्ट- भूपेंद्र कुमार, ब्यूरो चीफ चंदौली