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●16 सितंबर तक चलेगा सघन निक्षय पोषण योजना अभियान, इलाज के दौरान हर माह मिलते हैं 500 रुपये
पूर्वांचल/चंदौली: राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत निक्षय पोषण योजना चलायी जा रही है. क्षय रोगियों के सम्पूर्ण इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है.
मौजूदा समय में इस कार्यक्रम के तहत सघन निक्षय पोषण योजना अभियान 17 अगस्त से चलाया जा रहा है, जो अगले 16 सितंबर तक चलाया जाएगा.
इस अभियान का मुख्य उद्देश जनपद के मौजूदा क्षय रोगियों के बैंक खाते में इलाज की निर्धारित अवधि तक हर माह 500 रुपये पोषाहार सहायता के लिए सीधे स्थानांतरित करना है.
टीबी के बारे में अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 1800-11-6666 जारी किया गया है. यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर के मिश्रा ने दी. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि निक्षय पोषण योजना के तहत क्षय रोगियों के खाते में 500 रुपये हर माह पौष्टिक आहार के लिए दिये जाते हैं.
1,306 मरीजों के बैंक खाते में 22.92 लाख रूपये डीबीटी के माध्यम से भेजे गए
जिले में जनवरी 2020 से अबतक 1,601 मरीजों में टीबी की पुष्टि हुयी, जिसमें 1,306 मरीजों के बैंक खाते में 22.92 लाख रूपये डीबीटी के माध्यम से भेजे जा चुके हैं.
जनपद में 45 एमडीआर मरीजों का इलाज किया जा रहा है. मरीज की सुविधा के लिए जनपद में नौ टीबी यूनिट व 21 बलगम जांच केंद्र बनाए गए हैं.
उपरोक्त माइक्रोस्कोपी सेंटर से नामांकित टीबी के मरीजों का ड्रग सेंस्टीविटी टेस्ट (डीएसटी) के लिए पोस्ट ऑफिस के माध्यम से चंदौली मुख्यालय भेजा जाता है.
बलगम की जांच के लिए सैंपल बीएचयू भेजा जाता है. जिले के सभी सरकारी चिकित्सालयों एवं प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा स्वैच्छिक संगठनों के चिकित्सालयों में टीबी की जांच व इलाज की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है.
क्षयरोगियों के घर के समीप ही एक किमी के दायरे में डॉट सेंटर का संचालन
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ डी एन मिश्रा ने बताया कि जनपद में टीबी मरीजों की सुविधा के लिए प्रत्येक ब्लाक में एक सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) व एक चिकित्सा अधिकारी (टीबी) है.
इसके अलावा क्षयरोगियों को घर के समीप ही एक किमी के दायरे में डॉट सेंटर बनाए गए हैं. जिससे उन्हें आसानी से दवा प्राप्त हो सके।
डॉ मिश्रा ने बताया कि दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार खाँसी का आना, खाँसी के साथ बलगम का आना, बलगम के साथ खून आना, बुखार आना (विशेष रूप से शाम को बढ़ने वाला), वजन का घटना, भूख कम लगना, सीने में दर्द आदि टीबी के मुख्य लक्षण हैं.
यदि इनमें से कोई भी लक्षण मिलता है तो नजदीकी टीबी केंद्र पर आकर जाँच करा कर निःशुल्क इलाज का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
इसके अलावा उन्होने बताया कि टीबी और कोविड-19 के लक्षण ज़्यादातर समान हैं. इसलिए कोविड-19 से बचाव के नियमों का पालन जरूर करें.
टीबी के मरीज खांसते व छींकते समय नाक व मुंह को कपडें से ढक कर रखें और इधर-उधर न थूकें जिससे यह अन्य लोगों में न फैले. बेवजह घर से बाहर न निकलें. साफ-सफ़ाई पर विशेष ध्यान दें.
रिपोर्ट:रविन्द्र यादव