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मलेवर ग्राम पंचायत की महिला प्रधान ने आरोप लगाया है कि पंचायत सचिव ने मुहर बनवाकर फर्जी दस्तखत करके कई चेकों के जरिए ग्राम निधि 6 के खाते से ₹7.2 लाख से अधिक रुपया निकालकर अनियमितता को अंजाम दिया है।
● सफाई कर्मी द्वारा ग्राम प्रधान की मुहर बनवाकर पेरोल पर दसख्त किये जाने के बाद अब नौगढ़ के मलेवर ग्राम पंचायत में सचिव की काली करतूत.
● आश्चर्यजनक कि गांव का भुगतान अभी भी चेक से होता है और पंचायत सचिवों ने डोंगल का प्रयोग ही नहीं किया। अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी चुप बैठे हुए हैं .
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शिकायत दर्ज कराते प्रधान पति, फोटो-pnp |
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Edited By: अशोक कुमार जायसवाल
नौगढ़/चन्दौली। सफाई कर्मी द्वारा ग्राम प्रधान की मुहर बनवाकर पेरोल पर दस्तखत किए जाने का मामले के बाद अब मलेवर ग्राम पंचायत की महिला प्रधान ने आरोप लगाया है कि पंचायत सचिवों ने मुहर बनवाकर फर्जी दस्तखत करके कई चेकों के जरिए ग्राम निधि 6 के खाते से ₹7.2 लाख से अधिक रुपया निकालकर अनियमितता को अंजाम दिया है।
सचिवों ने महिला प्रधान को जानकारी दिए बगैर ही मोहर बनवाकर चेक पर अपने ही हाथ से फर्जी दस्तखत करके फर्म को भुगतान कर दिया है । बैंक का स्टेटमेंट निकालने के बाद इसकी जानकारी जब तक ग्राम प्रधान को हुई तब तक खाते से सारा रुपया निकल चुका था।
अब महिला प्रधान के एडवोकेट पति सत्यानंद तिवारी प्रकरण की जांच करा कर दोषी सचिवों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए डीपीआरओ कार्यालय और ब्लॉक का चक्कर लगा रहे हैं।
विकासखंड नौगढ़ के ग्राम पंचायत मलेवर की प्रधान किरन तिवारी ने पूर्व में रहे दो निलंबित पंचायत सेक्रेट्री आशीष साहनी, आशुतोष सिंह पर आरोप लगाया है कि अपने ही पास रखें सादे चेक संख्या 508758 से 508777 पर मुहर लगाकर फर्जी दस्तखत करके 1.20 लाख रुपए चार बार और 86000 ग्राम निधि छह के खाते से निकाल लिया गया है।
सचिवों के निलंबन के दोबारा चार्ज में आए पंचायत सेक्रेट्री सौरभ कुमार ने जब प्रधान को बताया कि पैसा निकाल लिया गया है अब खाते में पैसा नहीं है तो तब उन्होंने अधिकारियों को जानकारी दे रही है।
महिला प्रधान का आरोप है कि जिन फर्मों को भुगतान किया गया वे लोग मेरे गांव से 20 किलोमीटर दूरी पर है। मेटेरियल के कारण पंचायत भवन और शौचालय का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। बैंक का स्टेटमेंट निकालने के बाद लाखों रुपया खाते से निकलते ही ग्राम प्रधान के एडवोकेट पति सत्यानंद तिवारी खंड विकास अधिकारी और एडीओ पंचायत कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।
आरोप है कि नया मामला प्रकाश में आने के बाद पंचायती राज विभाग इस मामले को दबाने के प्रयास में जुट गया है और मुकदमा दर्ज कराने की धमकी भी दे रहा है।