●Chandauli News In Hindi
चंदौली जनपद के कंदवा थाना क्षेत्र के भतखरी गांव में महिलाओं के मामूली विवाद में दलित रामबचन उर्फ करीमन गोंड (45) की लाठी डंडे से पीट कर हत्या कर दी गई।
हाई लाइट्स:
●कंदवा पुलिस की काली करतूत, हत्या के तीन दिन बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं, 107-16/151 में मामले को उलझाया, पुलिस की दलील पीड़ित नहीं आया थाने
●भतखरी में परिवार के मुखिया रामबचन उर्फ करीमन गोंड की हत्या के बाद पूरा परिजन दहशत में, डराया धमकाया जा रहा ताकि हत्या का मुकदमा दर्ज न कराये
●उस दिन पुलिस मामूली मारपीट की घटना को गंभीरता से लेती होती तो बच गई होती रामबचन उर्फ करीमन गोंड की जान
●जांच दल ने कंदवा थाना प्रभारी की भूमिका को संदिग्ध माना, हत्यारों से मिलीभगत का लगाया आरोप
●कब मिला मिलेगा मृतक रामबचन उर्फ करीमन के पीड़ित परिवार को न्याय ?
● भारतवर्षीय गोंड महासभा ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
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मृतक परिवार का बयान दर्ज करते हुए जांच दल |
●Purvanchal News Print
भतखरी गांव/ चन्दौली। पिछले दिनों चंदौली जनपद के कंदवा थाना क्षेत्र के भतखरी गांव में महिलाओं के मामूली विवाद में दलित रामबचन उर्फ करीमन गोंड (45) की लाठी डंडे से पीट कर हत्या कर दी गई।
इसमें इस मामले में पुलिस ने सिर्फ 107 /16 व 151 शांति भंग का मुकदमा दर्ज कर मामले को दबा दिया। इस मामले में घटना के दो दिनों बाद भी हत्या का मामला दर्ज नहीं हो पाया है।
हत्यारों की धमकी से मृतक परिवार दहशत में है आगे कोई कार्रवाई ना हो उसके लिए हत्यारे लगातार दबाव बना रहे हैं। मृतक व उसका परिवार भूमिहीन व गरीब है, लोगों के यहां मजदूरी व शादी विवाह में भोजन बनाकर उस कमाई से ही परिवार का गुजर बसर कर रहा था।
बुधवार को भारतवर्षीय गोंड महासभा का एक जांच दल भतखरी गांव में मृतक परिवार से भेंट कर घटना की पूरी जानकारी ली। जांच दल ने सीधा आरोप लगाया कि 5 अक्टूबर को जब दोपहर में मृतक परिवार के लोगों से दबंगों ने मारपीट किया था जिसमें रामबचन व उसकी पत्नी घायल हो गई थीं, तब अगर तत्काल पुलिस घटना को गंभीरता से लेती तो रामबचन उर्फ करीमन गोंड की जान बच गई होती। जांच दल ने कहा है कि कंदवा के थाना प्रभारी हत्यारों से मिले हुए हैं और उन्हें बचाने का काम कर रहे हैं।
जांच दल को मृतक रामबचन गोंड परिवार के पुत्र राम अशीष व उनकी विधवा पत्नी उमराव देवी ने बताया कि गांव के दबंगों ने बुरी तरह मारा पीटा। जब हम लोग कंदवा थाने पर एफआईआर दर्ज कराने गए तब पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया और ना ही माता का मेडिकल मुआयना ही कराया गया। दोपहर की मारपीट की घटना के बाद दोबारा सभी दबंगों ने शाम को गोल गिरोह के साथ घर में घुस गए और लाठी डंडे से पीट-पीटकर पिता की हत्या कर दी। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हत्यारों द्वारा पिता को मार डालने के बाद जब चले गए तब पुलिस मेरे घर घटना स्थल पर पहुंची।
जांच दल ने कहा कि यदि समय रहते पुलिस हस्तक्षेप की होती तो रामबचन उर्फ करीमन गोंड की हत्या नहीं हुई होती। घटना के तीन दिन बीतने के बाद भी पुलिस हत्या व एसटी एससी एक्ट का मुकदमा दर्ज नहीं किया है।
आरोप है कि पुलिस हत्यारों के साथ होकर मामले को रफा-दफा करने में जुटी हुई है। जांच दल ने मांग किया कि भतखरी कांड की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तथा घटना में शामिल दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज की जाए।
जांच दल ने योगी सरकार व जिला प्रशासन से मांग किया कि मृतक परिवार को तत्काल आर्थिक मदद देने के साथ सरकारी जमीन का आवंटन किए जाने की मांग की है।
यह जांच दल जल्द ही डीएम और एसपी से भेंट कर उनके सामने सारा मामला रखेगा।
यह दल जब बयान दर्ज कर रहा था तब भतखरी गांव में मौजूद रहे बाबूलाल, राजनाथ, चिंतामणि देवी, मालती देवी, कुसुम देवी ने भी अपना बयान दर्ज कराया।
जांच टीम में राम उजागीर गोंड, राम जी, गुलाब चंद्र गोंड, महेंद् प्रसाद गोंड, बलिराम, विकास प्रधान, रामपति गोंड, सुनील गोंड, राम जनम गोंड महावीर गोंड आदि शामिल रहे है।