चन्दौली: धान खरीद का सरकारी दावा मजाक बना, बेचने को भटक रहे किसान

चन्दौली: धान खरीद का सरकारी दावा मजाक बना, बेचने को भटक रहे किसान

Hindi Samachar- चन्दौली

सरकार भले ही किसानों के हित की बात कर रही हो, लेकिन किसान हित में कार्य करने के बजाए किसानों को बरगलाया जा रहा है। चाहे किसान बिल की बात हो या क्रय केंद्र, खाद,पानी, बिजली की बात हो। किसानों को छलने का काम किया जा रहा है। 
सांकेतिक फोटो, धान.

● धान क्रय केंद्रों पर दलालों का बोलबाला, किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी

 चन्दौली। सरकार भले ही किसानों के हित की बात कर रही हो। लेकिन किसान हित में कार्य करने के बजाए किसानों को बरगलाया जा रहा है। चाहे किसान बिल की बात हो या क्रय केंद्र, खाद,पानी, बिजली की बात हो। सब पर किसानों को छलने का काम किया जा रहा है। 

मालूम हो कि किसान बिल से पहले 1 नवंबर किसानों के धान खरीद के लिए क्रय केंद्र खोले गए। जिस पर 13 फरवरी तक किसानों का धान खरीद किया जाएगा। धान क्रय करने का समर्थन मूल्य 1868 मोटा व 1898 रुपये पतला का है। लेकिन अभी तक बहुत से क्रय केंद्रों पर लक्ष्य के सापेक्ष बहुत कम खरीद की गई है। 

यही नहीं बहुत से किसानों का धान खरीद के लिए क्रय केंद्र ही नहीं खोले गए हैं, जिसके कारण किसान इधर- उधर भटक रहे हैं। यहां तक कि बिचौलिए 1200 से लेकर1500₹ तक प्रति क्विंटल किसानों के उपज को खरीद रहे हैं। जबकि ताराजीवनपुर क्षेत्र के लगभग तीन दर्जन गांव के किसानों के लिए एक भी क्रय केंद्र नहीं खोला गया है। 

इसको लेकर कांग्रेस किसान पूर्वी उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष अकील अहमद बाबू, किसान नेता केदार यादव, रघुनाथ सिंह, राम नगीना शर्मा, राम अवध पांडेय आदि लोगों ने का केंद्र बढ़ाने की मांग की है। चेताया की किसानों के साथ अन्याय किसी भी तरह का बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।