सार
यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव की प्रक्रिया 15 जून के बाद शुरू होना तय माना जा रहा है। 10 जुलाई तक शपथ ग्रहण करा लिया जाएगा और आज ग्राम प्रधान शपथ ले रहे हैं।
![]() |
सांकेतिक फ़ोटो, स्त्रोत-Google |
विस्तार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद आज निर्वाचित ग्राम प्रधानों को शपथ ग्रहण कराया जा रहा है।
इसी बीच खबर है कि यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव की प्रक्रिया 15 जून के बाद शुरू होना तय माना जा रहा है। 10 जुलाई तक नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुखों का शपथ ग्रहण करा लिया जाएगा।
यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद लम्बे समय तक उन्हें शपथ ग्रहण के लिए इंतजार करना पड़ा। आज 25 व 26 मई को ग्राम प्रधानों को शपथ ग्रहण कराया जा रहा है। 27 मई को गांव सभा की पहली बैठक होगी।
यह शपथ ग्रहण ग्राम पंचायत भवन में वर्चुअल मीटिंग के जरिये कराया जाएगा। इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन हो।
ग्राम प्रधानों के सामने कोरोना की होगी अब चुनौती
नए प्रधानों को पंचायतों का चार्ज लेते ही सबसे पहले कोरोना की चुनौतियों से निपटना पड़ेगा। गांवों को सेनेटाइज करने से लेकर कोरोना महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने की व्यवस्था व जागरूकता लाने का काम करना पड़ेगा।
बता दें की कोरोना महामारी शहर के बाद अब गांवों को चपेट में ले लिया है। गांवों को सेनेटाइज करना और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की चुनौती से निपटने के लिए उन्हें धन की कमी नहीं होगी।
अब दाह संस्कार के लिए पांच हजार की कर सकेंगे आर्थिक मदद
ग्राम प्रधानों के शपथ ग्रहण करने के बाद उन्हें वित्तीय अधिकार मिल जाएगा। इसी के साथ ग्राम प्रधान गांव में कोरोना से हुई मौत के बाद पीड़ित परिवार को दाह संस्कार के लिए पांच हजार रुपये की ग्राम सभा की ओर से आर्थिक मदद कर सकेंगे।
यूपी सरकार ने इसके लिए पहले ही निर्देश दे रखा है कि कोरोना से हुई मौतों में पीड़ित परिजनों को ग्राम प्रधान उनकी मदद करें।
ग्राम सभा के सदस्यों की गठित होगी कमेटियां
ग्राम प्रधानों को गांव के विकास कार्यों की प्रक्रिया शुरू करने के पहले सदस्यों को लेकर ग्राम कमेटी बनाना पड़ेगा। ताकि बैठक के साथ कार्य योजनाएं भी तैयार किया जाए।
पिछले 25 दिसम्बर से गांवों के विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। पंचायत चुनाव के बाद 2 मई को मतगणना में निर्वाचित ग्राम प्रधानों को शपथ ग्रहण कराने में काफी विलंब हुआ, जिससे गांवों के विकास कार्य बंद पड़े हुए थे। अब शपथ ग्रहण के बाद विकास का रास्ता खुल जाएगा।