चन्दौली में गेहूं क्रय केंद्रों पर समुचित व्यवस्था नहीं | यूपी में गेहूं खरीद का सरकारी दावा फेल |

सार

शासन द्वारा भले ही गेहूं क्रय केंद्रों पर समुचित व्यवस्था होने का दावा किया जा रहा हो लेकिन हकीकत इससे  इतर है। यह स्थिति उत्तर प्रदेश के चन्दौली जनपद की है। 

हाई लाइट्स:  

परिवहन के अभाव में मुश्किल में किसान व सरकारी कर्मचारी
● मजाक बना साधन सहकारी समिति धूस खास का गेहूं क्रय केंद्र
● धूसखास में 200 व शाखा कोरी पर 100 मीट्रिक टन की है क्षमता

क्रय केंद्र पर अव्यवस्था का बोलबाला, फोटो-पीएनपी
विस्तार
उत्तर प्रदेश के पूर्वी जनपद चन्दौली में शासन द्वारा भले ही गेहूं क्रय केंद्रों पर समुचित व्यवस्था होने का दावा किया जा रहा हो लेकिन हकीकत इससे  इतर है। 

आलम यह है कि कहीं गोदाम की कमी तो कहीं परिवहन की दिक्कत किसानों के लिए अभिशाप बन चुका है। कमोबेश यही हालात विकास खंड सकलडीहा के साधन सहकारी समिति धूस खास पर बने गेहूं क्रय केंद्र पर बनी हुई है। जहां परिवहन के अभाव में क्षमता से ज्यादा गेहूं क्रय होने पर गोदाम के बाहर भींग रहा है। 

वहीं किसान अपने गेहूं को विक्रय करने के लिए समिति का चक्कर लगा रहे हैं। कर्मचारियों की माने तो गोदाम से बाहर गेहूं को नहीं रखना है। जबकि किसान को आने पर वापस भी नहीं करना है। लेकिन कम क्षमता वाले गोदाम पर कर्मचारियों के लिए असमंजस की स्थिति बनी हुई है। 

जबकि धूस खास क्रय केंद्र को जनपद का क्रय केंद्र बनाया गया है। जहां समिति से संबद्ध नौ गांव के अलावा जनपद के अन्य गांवों से भी किसान यहां अपना गेहूं विक्रय करने के लिए पहुंच रहे हैं। धूसखास 200 व शाखा कोरी पर 100 मीट्रिक टन का क्षमता है।

इस संबंध में सचिव राम भजन मौर्य ने बताया कि यहां से गेहूं भेजने के लिए परिवहन की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है, इसके उपरांत परिवहन के नाम पर 2200 रूपये मांगा जा रहा है। जिसका भरपाई हम लोग कहां से करें यह समझ से परे है।

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