सार
जनपद के बलिया खुर्द ग्राम सभा के गढ़वा सहित कई वन ग्रामों को राजस्व गाँव घोषित करने की मांग की गई है। अजय राय, एआईपीएफ नेता
विस्तार
चकिया(चन्दौली)। आईपीएफ नेता अजय राय ने गढ़वा गाँव सहित कई वन ग्राम सभाओं को राजस्व गाँव घोषित कर गरीब गुरबों की समस्या को हल करने के लिए चन्दौली प्रशासन और शासन को एक प्रस्ताव बनाकर तुरंत भेजने की मांग की है।
कहा वनाधिकार कानून के दावों का निस्तारण कीट जाए, नाली व रास्ते की समस्या को हल करने के लिए,राजस्व विभाग खुद खड़ा होकर पहल करें। वन विभाग के द्वारा पुश्तैनी बसें गरीब असहाय को वन व सिंचाई विभाग की संयुक्त टीम बना कर हल करने पहल करें।
प्रशासन व ग्राम सभा के तहत रास्ते व सिचाई के लिए नाली की समस्या का हल हो। इन समस्याओं पर एआईपीएफ शिकारगंज प्रभारी अमर बहादुर चौहान के द्वारा भेजी गयी तथ्यात्मक रिपोर्ट पर बोलते हुए एआईपीएफ के राज्य कार्य समिति सदस्य श्री राय ने कही।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाबजूद भी वनाधिकार कानून के तहत पुश्तैनी बसें गरीबों को पट्टा नहीं दिया जा रहा हैं वही गढ़वा ( बलिया कला ग्राम सभा) ही नहीं चकिया शहावगंज और नौगढ़ के कई गाँव जो राजस्व गाँव नहीं हैं उसको भी राजस्व गाँव घोषित होना चाहिए।
उस गाँव के निवासियों के लिए सिचाई के लिए नाली व आवागमन के लिए रास्ते की निर्माण आज की जरूरत है। प्रशासन अपने टालू नजरिया को त्याग कर नाली निर्माण व रास्ते निर्माण के लिए ग्राम सभा को अधिकार दे! जो सवाल नीतिगत हैं। उसको हल करने के लिए प्रशासन उपर के लिए लिखा पढ़ी करें।
एआईपीएफ का शुरू से मानना हैं किसानों को सिचाई के लिए नाली भी जरूरी हैं और आवागमन के लिए रास्ता भी जरूरी हैं। इसलिए दोनों सवाल हल हों! राजस्व विभाग की टीम लगाकर रास्ते का भी समस्या हल हो।
मनरेगा के तहत नाली व रास्ते निर्माण के लिए चकिया ब्लॉक ग्राम सभा को जबाब देही तय की जाए। और स्थानीय मनरेगा मजदूरों को काम दें। स्थानीय स्तर पर नाली व रास्ते निर्माण को लेकर कई बार लड़ाई हो चुकी हैं।