अमीर बनने के लोभ में ठगा जा रहा युवा पीढ़ी, कम्पनियों की जॉल में फंसते बेरोजगार

अमीर बनने के लोभ में ठगा जा रहा युवा पीढ़ी, कम्पनियों की जॉल में फंसते बेरोजगार

आए दिन सुनने को मिलता है कि अमुक कंपनी आई है और मार्केटिंग का कार्य करती है। उसका शेयर मार्केट का भी काम है। 

 ● अमीर बनने के लोभ में युवा पीढ़ी ठगा जा रहा है, बेरोजगार भी इन्हीं कम्पनियों की जॉल में फंसते जा रहे

रिपोर्ट, कुमार चंद्रभूषण तिवारी 

आए दिन सुनने को मिलता है कि अमुक कंपनी आई है और मार्केटिंग का कार्य करती है। उसका शेयर मार्केटिंग का कार्य भी है। इन कंपनियों में छह हजार रूपये से 15 -20 हजार का लागत बताया जाता है। इसी के साथ कंपनी के दलालों द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता है कि महीने का 10 से 30 हजार हजार महीने की पहली कमाई बताई जाती है।कुछ समय बाद करोड़ों में खेलोगे बहुत ऊंचे-ऊंचे सपने दिखाए जाते हैं।


 आज का नवयुवक पीढ़ी उसमें फंस जाती है। ऐसा नहीं है कि कोई अनपढ़ लोग ऐसे चक्कर में फंसते हैं। अधिसंख्य बहुत पढ़े-लिखे लोग ऐसे भगोड़े जालसाज कंपनियों के चक्कर में फँस जाते हैं।


लोग ऐसा क्यों नहीं सोचते की यदि ऐसे ही घर बैठे जब पैसा आता तो दुनिया का कोई भी इंसान कार्य नहीं करता। वह भी आप जैसे ही बैठकर खाने को तैयार रहता।


 वह कौन सा मूर्ख कंपनी है, जो आपसे इतनी कम रकम लेकर उससे कई गुना अधिक आपको आमदनी देने की क्षमता रखती है। मूर्ख कंपनी नहीं मूर्ख तो आप हैं, जो ऐसे जालसाज कंपनियों के चक्कर में फँस जाते हैं। ऐसी अनेक कंपनियां बन्द हो गई, पर अभी भी बहुत सी कंपनियां लोगों को चुतिया बनाने का कार्य कर रही हैं।


जैसे ग्लेज इंडिया जो की गूगल पर विश्व के नम्बर एक कंपनी के नाम से विख्यात है। 15हजार का लागत और ख्वाब 15लाख कमाने का। एआरएल परिवार, एमवे, बहुत पहले वेरोना, कैमूर फाइनेन्स वर्तमान में आईबीएम  ऐप के माध्यम से 30 हजार लगाओ 45 हजार महिने का पाओ करीब 5 करोड़ लोग जुड़ चुके थे।


 कुछ समय लोभ दिखाया और जब अधिक लोग जमा किये पैसा घोटाला कर एप बन्द कर दिया इत्यादि।जबकी ऐसे अनेक कंपनियों के जालसाजी देश के कोने कोने से सुनने व देखने को मिलता है। फिर भी लोभवश लोग फँस जाते हैं। आप सभी से आग्रह है कि ऐसे जालसाज कंपनियों व जालसाज शेयर मार्केटिंग कंपनियों से बचे। सुखी रहेंगे, स्वस्थ रहेंगे, और मानसिक बीमारियों से दूर रहेंगे। 


अपने द्वारा किए गए कर्मों के फल को ही अपना भाग्य समझिए। इसी में आपकी तरक्की है और सरकारी एजेंसियो को इस पर ध्यान देने की जरुरत है।