हाई कोर्ट के निर्देशों की अनदेखी पर जनपद में विभिन्न थानों पर तैनात नौ पुलिस उप निरीक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसमें 3 का गैर जनपद ट्रांसफर हो चुका है। मामला धान घोटाले की जांच में लापरवाही से जुड़ा बताया जा रहा है।
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सांकेतिक फोटो |
चन्दौली। उत्तर प्रदेश के चन्दौली
जनपद के विभिन्न थानों पर तैनात आधा दर्जन दरोगाओं व गैर जनपद गए तीन और उप निरीक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है। हाईकोर्ट ने यह कार्रवाई अपनी आदेशों के अवमानना पर की है। 141 सीआरपीसी का नोटिस तामील न कराने और कम्प्लायंस को लेकर इन सभी पर गाज़ गिरी है।
खबर है कि बीते 23 अगस्त को ही हाईकोर्ट ने सभी उप निरीक्षकों सस्पेंड कर दिया था। धान खरीद में हुई विवेचना में बरती गई लापरवाही के आरोप में इन सभी पर गाज गिरना मूल कारण बताया जा रहा है। एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई से पुलिस मोहकमे में हड़कम्प मच गया है।
सूत्रों के अनुसार जनपद में खरीद में हुए घपले के बाद साल 2018 में तत्कालीन डीएम के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसकी जांच व फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए जनपद पुलिस विभाग के यहां फाइलें दी गई थी। इस पर कार्रवाई भी हो रही थी मगर यह जांच बहुत धीमी थी। यहां बड़े पैमाने पर लापरवाही किये जाने से अभी तक जांच पूरी नहीं हुई थी।
पता चला है कि 15 दिनों के अंदर अभियुक्त को नोटिस न देने और कोर्ट के आदेशों का उलंघन करने के मामले में यह कार्रवाई हुई है। इस मामले में छह दरोगा धान घोटाले की जांच में लापरवाही बरत रहे थे। जबकि इनमें 3 दरोगा और शामिल हैं जिनका गैर जनपद ट्रांसफ़र हो गया है।
बताते हैं कि कुल नौ दरोगाओं के खिलाफ हुई यह कार्रवाई हाइकोर्ट के निर्देश पर है। सभी दरोगाओं पर हुई निलंबन की कार्रवाई से महकमा सकते में हो गया है।
धान खरीद के घोटाले में हुई विवेचना में बरती गई लापरवाही के चपेट में कुल नौ दरोगा आए हुए है। एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई से पुलिस मोहकमे हड़कम्प मच गया है।