अभियंता संघ ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन पर कार्य का वातावरण बिगाड़ने व गलत बयानी का लगया आरोप

अभियंता संघ ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन पर कार्य का वातावरण बिगाड़ने व गलत बयानी का लगया आरोप

 चेयरमैन एवं शीर्ष प्रबन्धन के द्वारा चल रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों से पावर कारपोरेशन में कार्य का वातावरण खराब हो रहा है


अच्छी रिपोर्ट के बाद भी दो दर्जन अभियन्ता पदोन्नति से क्यूं वंचित हुए

 

पूरे कार्यकाल में पावर कारपोरेशन के चेयरमैन ने एक बार भी अधिकृत वार्ता नहीं की और नाहीं किसी समस्या का समाधान किया 


लखनऊ। उ0प्र0 रा0वि0प0 अभियन्ता संघ ने उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम0 देवराज द्वारा कल जारी प्रेस विज्ञप्ति पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि चेयरमैन एवं शीर्ष प्रबन्धन के द्वारा चल रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों से पावर कारपोरेशन में कार्य का वातावरण खराब हो रहा है जिसके परिणामस्वरूप मा0 मुख्यमंत्री जी एवं मा0 ऊर्जा मंत्री जी के निर्देश पर प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के कार्य में जुटे अभियन्ताओं के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।


 अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वी0पी0 सिंह एवं महासचिव प्रभात सिंह ने आज जारी बयान में बताया कि चेयरमैन का यह बयान, कि किसी भी योग्य कार्मिक को पदोन्नति से वंचित नहीं किया गया है, पूरी तरह असत्य व भ्रामक है।


उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि मुख्य अभियन्ता स्तर-2 से मुख्य अभियन्ता स्तर-1 की पदोन्नति में अति उत्तम व उत्कृष्ट रिपोर्ट होते हुए भी मनमाने नियम बनाकर उत्पीड़न की दृष्टि से 12 अभियन्ताआें को पदोन्नति से वंचित किया गया है। परिणामस्वरूप मुख्य अभियन्ता स्तर-1 के 11 पद रिक्त पड़े हैं जिसका विभागीय कार्यों पर भारी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।


 इसी प्रकार अधीक्षण अभियन्ता से मुख्य अभियन्ता स्तर-2 की पदोन्नति में अतिउत्तम व उत्कृष्ट रिपोर्ट होते हुए भी 05 अभियन्ताओं को सुपरसीड किया गया है और अधिशासी अभियन्ता से अधीक्षण अभियन्ता के चयन में अतिउत्तम व उत्कृष्ट रिपोर्ट होते हुए भी 07 अभियन्ताओं को सुपरसीड किया गया है।



 इस प्रकार पावर कारपोरेशन प्रबन्धन ने अति उत्तम व कई मामलों में उत्कृष्ट रिपोर्ट होते हुए भी उच्च पदों के चयन में मनमाने नियम बनाकर दो दर्जन अभियन्ताओं को पदोन्नति से वंचित किया है जिससे अभियन्ताओं में भारी रोष व्याप्त है। 


उन्होंने बताया कि मौजूदा चेयरमैन ने अपने पूरे कार्यकाल के दौरान अभियन्ताओं की समस्याओं व विभागीय कठिनाईयों के निराकरण हेतु एक बार भी अभियन्ता संघ से औपचारिक वार्ता नहीं की है। 



उन्होंने कहा कि चेयरमैन का यह बयान पूर्णतया असत्य है कि पावर कारपोरेशन एवं संगठनों से उनकी समस्याओं के समाधान हेतु सार्थक कार्यवाही की जा रही है और संवाद निरन्तर बना हुआ है। यही शिकायत लगभग सभी कर्मचारी श्रम संघों व संगठनों की है। 



जहां तक ग्रेटर नोएडा तथा नोएडा में अस्थाई संयोजनों के निर्गमन की बात कही जा रही है तो अभियन्ता संघ का स्पष्ट मत है कि सारे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करायी जानी चाहिए किन्तु उत्पीड़न की दृष्टि से 12 जूनियर इंजीनियरों एवं 11 अभियन्ताओं को सुदूर पूर्वांचल स्थानान्तरित किये जाने का कोई औचित्य नहीं है। इनमें से अधिकांश अभियन्ता ग्रेटर नोएडा या नोएडा में इस समय तैनात भी नहीं है। वे पहले ही स्थानान्तरित किये जा चुके हैं और पश्चिमांचल डिस्कॉम में अन्य स्थानों पर कार्य कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें पुनः सुदूर पूर्वांचल स्थानान्तरित किया जाना केवल उत्पीड़नात्मक कार्यवाही है जिसे समाप्त किया जाना चाहिए।



अभियन्ता संघ ने एक बार पुनः प्रदेश के मा0 ऊर्जा मंत्री पं0 श्रीकान्त शर्मा जी से अपील की है कि वे तत्काल प्रभावी हस्तक्षेप करें ताकि अनावश्यक उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां बन्द हों और कार्य का स्वस्थ वातावरण बना रह सके।