Chhath Pooja-2021: डूबते सूर्य को अर्घ्य दीं व्रती महिलाएं, सामाजिक कार्यकर्ताओं किया सहयोग

Chhath Pooja-2021: डूबते सूर्य को अर्घ्य दीं व्रती महिलाएं, सामाजिक कार्यकर्ताओं किया सहयोग

  सभी गांवों में छठ पूजा के पावन अवसर पर बहुत ही भक्ति भाव की भावना से सनातन धर्म के व्रत धारियों द्वारा छठ पूजा का त्यौहार मनाया जा रहा है।

सरोवर के किनारे छठ पूजा करतीं महिलाएं, फ़ोटो-pnp

कुदरा, कैमूर। प्रखंड के सभी गांवों में छठ पूजा के पावन अवसर पर बहुत ही भक्ति भाव की भावना से सनातन धर्म के व्रत धारियों द्वारा छठ पूजा का त्यौहार मनाया जा रहा है। जगह-जगह समाजसेवियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा यथा शक्ति साफ सफाई व सहयोग दिया गया।

 प्रखंड के देवराढ़ खुर्द गांव में परोपकार सेवा संघ पी एस एस ग्रुप के अध्यक्ष बबलू सिंह व कार्यकर्ता यश चंचल सिंह के संचालन में पीएसएस ग्रुप के सदस्यों द्वारा के छठ पूजा घाट पर सहयोग किया गया।वही घटांव पंचायत के पट्टी गांव में राष्ट्रीय सवर्ण समाज संघ संघ प्रदेश अध्यक्ष बिहार सह पत्रकार कुमार चन्द्र भूषण तिवारी द्वारा सहयोग दिया गया। 

छठ व्रत में जुटी महिलाएं, फोटो -pnp

बुधवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। छठ व्रत का पूजा व्रत धारियों द्वारा बहुत ही नियम संयम व साफ-सफाई से पर्व को, धूमधाम से मनाया जाता है। इस पावन पर्व को पुरुष व महिलाओं द्वारा सामान्य रूप से मनाया जाता है। 

 छठ पूजा के पावन पर्व का नियम बहुत ही कठिन माना जाता है, इस व्रत में जल व फल का भी सेवन निषेध माना जाता है। पर श्रद्धालुओं के भक्ति भावनाओं के सामने बहुत ही मनमोहक व रोचक होता है। चैत्र मास के छठ व्रत को चैती छठ, व कार्तिक मास के छठ व्रत को कार्तिकी छठ कहा जाता है। यह त्यौहार डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से प्रारंभ होता है। और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर समापन किया जाता है।

 पौराणिक कथाओं के अनुसार मां सीता द्वारा मुग्दल ऋषि के आदेशानुसार छठ पूजा किया गया था तथा द्वापर में पांडवों द्वारा कौरवों से युद्ध क्रीडा में राजपाट हारने के बाद द्रौपदी द्वारा राज्य प्राप्ति के लिए छठ पूजा किया गया था।