भाकपा माले तथा इंकलाबी नौजवान सभा के नेतृत्व मे जिला मुख्यालय पर सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय के बिछिया धरना स्थल से पैदल सड़क मार्च किया।
भाकपा माले का जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन, फोटो-pnp |
● पत्रकार विजय विश्वकर्मा के मामले में आंदोलनकारियों की डीएम से वार्ता हुई असफल
चन्दौली।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेलिनवादी(भाकपा माले)तथा इंकलाबी नौजवान सभा के नेतृत्व में मंगलवार को जिला मुख्यालय पर सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय के बिछिया धरना स्थल से पैदल सड़क मार्च किया।
"पत्रकार विजय विश्वकर्मा को न्याय दो" स्लोगन के साथ जिला अधिकारी कार्यालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय हो कि पत्रकार विजय विश्वकर्मा के उत्पीड़न के खिलाफ सकलडीहा बाजार में लगभग दो माह से अनिश्चितकालीन धरना जारी है।आन्दोलनकारियों की मांग है कि पूरे घटना की न्यायिक टीम गठित कर निष्पक्ष जांच कराया जाय तथा दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर जेल भेजा जाए।आन्दोलनरत लोगों ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि 17 अगस्त को जिलाधिकारी के नाम पत्र देकर न्यायिक टीम गठित कर जांच कराने की मांग पर जिला अधिकारी सहमत हुए थे।
परंतु एक माह बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज पार्टी कार्यकर्ताओं ने पत्रकार विजय विश्वकर्मा के साथ 20 सितंबर से सकलडीहा बाजार में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गये।
जिसके बाद भी जिला प्रशासन आन्दोलन के प्रति उदासीन बना रहा।महीने भर बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन का कोई प्रतिनिधि आंदोलनकारियों से न मिलने गया नाहीं कोई की।
जिससे आक्रोशित आंदोलनकारियों ने धरना के 73 वें दिन सैकड़ों जनप्रतिनिधियों के साथ जिला अधिकारी से वार्ता करने के लिए जिला अधिकारी कार्यालय के मुख्य गेट पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करते हुए धरना पर बैठ कर सभा करने लगे।
हालांकि आन्दोलनकारियों के रुख को देखते हुए जिला अधिकारी कार्यालय मुख्य गेट पर पहुचते ही बगैर देर किए प्रतिनिधि मंडल से वार्ता करने के लिए आमंत्रण तत्काल आ गया। जिसमे छः सदस्यीय टीम वार्ता करने जिलाधिकारी संजीव सिंह से पहुंची, जिसमें भाकपा माले जिला सचिव अनिल पासवान,भाकपा माले राज्य कमेटी के सदस्य शशिकांत सिंह,किसान महासभा के जिला अध्यक्ष श्रवण कुशवाहा,भाकपा माले जिला कमेटी के सदस्य रमेश राय,पत्रकार विजय विश्वकर्मा तथा भूपेंद्र सिंह चौहान शामिल रहे।
जिला अधिकारी से लगभग 20 मिनट की वार्ता में किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका, जिससे वार्ता असफल हो गई। पत्रकार विजय विश्वकर्मा के प्रकरण में न्यायिक जांच टीम गठित करने पर बात नहीं बन सकी।
इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने बताया की पत्रकार विजय विश्वकर्मा के साथ सकलडीहा तहसील प्रशासन तथा तत्कालीन उपजिला अधिकारी द्वारा दुर्भावनापूर्ण तथा बदले की भावना से ग्रसित होकर फर्जी मुकदमा कर उत्पीड़न किया गया, जो पूर्ण रूप से गैर संवैधानिक तथा पद का दुरुपयोग है। पूरे मामले में प्रशासनिक अमला लीपापोती करने में लगा हुआ है। इसके बाद यह एलान किया गया कि जल्द ही अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन के साथ आन्दोलन और तेज किया जाएगा।
दिलचस्प पहलू तो यह है कि भारत को आजाद हुए 75 साल बीत गए लेकिन आज भी भारत के इस महान लोकतंत्र में ब्यूरोक्रेट से मिलने के लिए जनप्रतिनिधियों को प्रदर्शन, धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। ऐसे में भारत को एक बेहतर राष्ट्र बनाने की दिशा में कैसे बढ़ा जाए, यह विचारणीय बनता है।
धरना प्रदर्शन में इंकलाबी नौजवान सभा के जिला सचिव ठाकुर प्रसाद,श्यामदेई,अनीता, सुनीता,अमित कुमार सोनू,विजयी राजभर,मंगल राजभर,रमेश चौहान,नितेश जयसवाल,धनंजय कुमार,इंद्रजीत मौर्य,डॉ उमानाथ चौहान, तूफानी गोड़,रामदुलार बिंद,संजय यादव, दिनेश,अमजद अली सहित अन्य लोग मौजूद रहे।