राजपुर में गेहूं की बुआई का रकबा घटा, खाद की समस्या से जूझ रहे कृषक

राजपुर में गेहूं की बुआई का रकबा घटा, खाद की समस्या से जूझ रहे कृषक

 रवि में 15 दिसम्बर तक अंतिम गेंहू की बुआई होती है। खाद की कमी से बुवाई का रकबा घट गया।

खाद की उपलब्धता पर प्रशासन का नहीं है ध्यान, शिकायत के बावजूद खाद की कालाबाज़ारी 


 BUXAR, राजपुर।  प्रखंड के विभिन्न गांव में धान कटनी के बाद अभी तक महज 50 फीसद ही गेहूं की बुवाई हो पाई है। इस बार खाद की किल्लत से किसानों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।  धान कटने के बाद रवि में गेंहू फसल की बोआई शुरू हो जाती है, जो 15 दिसम्बर तक अंतिम गेंहू की बुआई होती है। लेकिन इस बार खाद नहीं मिलने से बुआई का काम पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। इससे बुवाई का रकबा भी घटा है।

 कृषि विभाग के रिपोर्ट के अनुसार इस बार 12750 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुआई का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें से अभी तक महज 6580 हेक्टेयर भूमि पर ही बुआई की गयी है। इसको लेकर राजपुर के किसान शैलेश सिंह, अशोक सिंह, मनोज त्रिगुण एवं भलुहा के किसान तेजनारायण पांडेय ने बताया कि खाद नहीं मिल रही है। डीएपी खाद नहीं मिलने से किसान समय पर गेंहू की बुवाई नहीं कर पाए। आज भी किसानों में गेंहू की बुवाई की ललक है। तभी तो सरकार के तरफ से खाद की खेप आते ही गोदामों पर किसानों का हुजूम उमड़ पड़ता है। ऐसे में किसानों को पर्याप्त मात्रा में कभी भी खाद नहीं मिल पाया। 
 
इसी खाद को लेकर पिछले एक सप्ताह पूर्व त्रिकालपुर इफको बाजार के पास महिला किसानों ने बक्सर कोचस मुख्य पथ को जाम कर दिया था। पुलिस पदाधिकारियों के आश्वासन के बाद खाद का वितरण किया गया। फिर भी पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं हुआ। साथ ही इन किसानों ने बताया कि बाजारों में कालाबाजारी जारी है। सभी बजारो में 1500 से 2000 रुपये प्रति बोरी खाद बिक रहा है। जिसकी शिकायत कृषि विभाग के सभी अधिकारियों के पास की गयी। बावजूद अधिकारियों ने एक दिन भी किसी दुकानों का जांच नहीं किया। यह कृषि विभाग के अधिकारी दुकानों से मिलकर प्रति बोरी 40 से 50 रुपये कमीशन ले रहे हैं। ऐसे में कालाबाजारी जारी है। 

वही प्रखंड कृषि पदाधिकारी अरुण प्रसाद ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से खाद कम भेजा जा रहा है। किसी भी दुकानों पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं होने से किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है। आने वाले दिनों में रसायनिक खादों की उठाव बहुत कम होगा।अब किसानों को जैविक खाद का इस्तेमाल करना चाहिये।

पढ़ें: आज की ताज़ा खबरें (Hindi News) पूर्वांचल के सबसे विश्वसनीय न्यूज पोर्टल 'Purvanchal News Print' जो पूर्वांचल के समग्र विकास को रखे आगे। ट्विटर, फ़ेसबुक, लिंक्डइन, टेलीग्राम पर Follow करे।