धनार्जन की खोज में अपनों से दूर हुई युवा पीढ़ी : डा. मिथिलेश चतुर्वेदी

धनार्जन की खोज में अपनों से दूर हुई युवा पीढ़ी : डा. मिथिलेश चतुर्वेदी

एविटाज हेल्थ केयर, लखनऊ द्वारा ‘‘एल्डरली फ्रैन्डली कम्यूनिटी’’ बनाने के लिये लीनियेज होटल, लखनऊ में सेमिनार आयोजित किया गया|


बुजुर्ग लोगों के जीवन की चुनौतियों को सुगम बनाने की राह बनायेगी एविटाज हेल्थ केयर!

● एविटाज हेल्थ केयर, लखनऊ द्वारा ‘‘एल्डरली फ्रैन्डली कम्यूनिटी’’ बनाने को लीनियेज होटल, लखनऊ में आयोजित हुआ सेमिनार

लखनऊ। एविटाज हेल्थ केयर, लखनऊ द्वारा ‘‘एल्डरली फ्रैन्डली कम्यूनिटी’’ बनाने के लिये लीनियेज होटल, लखनऊ में सेमिनार आयोजित किया गया।
इस मौके पर स्टेकहोल्डर कन्सल्टेशन में मुख्य अतिथि के रूप में पधारी डा. मिथिलेश चतुर्वेदी, पूर्व महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उ.प्र. ने कहा कि जिस प्रकार भौतिकता की दौड़ में धर्नाजन हेतु अपने युवा पीढी अपने घरों से दूर महानगरों एवं विदेशों की ओर पलायन कर रही है और वृद्ध मां-बाप अपने परिवार व स्वजनों के अभाव में अकेले पड़ते जा रहे हैं। उसकी वजह से उन्हें भावनात्मक, सामाजिक एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
 
जिसके लिए स्वयं को एवं आम जनमानस को अभी से तैयार होने की जरूरत है ताकि वृद्धावस्था में बेहतर स्वास्थ्य सेवा, सहयोगी समाज एवं साथ-साथ वृद्धजनों को स्व सहयोगी बनाने की आवश्यकता होगी। 

विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए डा. वी. प्रसाद पूर्व महानिदेशक राजकीय नेशनल होम्योपैथी मेडिकल कालेज एवं चिकित्सालय ने कहा कि बुढ़ापे की समस्याओं का समाधान दवा कम और अपनों के भावनात्मक एहसास की जरूरत ज्यादा होती है क्योंकि बुढ़ापे की ज्यादातर बीमारियां मानसिक सोच एवं शरीर में उत्पन्न रासायनिक बदलावों की उपज ज्यादा होती है जिसका निदान एल्डरली फ्रैन्डली वातावरण से दूर किया जा सकता है। 

कार्यक्रम में डा. निशा मनी पाण्डे प्रोफेसर, जीरियाटि् मेन्टल हैल्थ, के.जीएम.यू. ने बुजुर्गों को सकारात्मक एवं खुशहाल वातावरण दिये जाने पर बल दिया। डा. अन्विता वर्मा, असिस्टेन्ट प्रोफेसर, सोशल वर्क डिपार्टमेन्ट, एस.आर. एम.यू. लखनऊ ने कहा कि विकसित देशों की तर्ज पर हमारे देश में भी टाइम बैंक बनाने की आवश्यकता है ताकि लोग अपने प्रतिदिन के जीवन से कुछ समय दूसरों के लिए समय निकाल सकें।

 डा. राजीव नयन शर्मा एच.ओ.डी. साई कालेज आफ मेडिकल कालेज व डा. विनोद कुमार यादव ने नेचुरोपैथी, योग एवं भारतीय खान-पान के जरिये बुजुर्गों के अवसाद को कम करने पर बल दिया। डा. एस. के. रावत नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम लखनऊ, डा. अरूण कुमार त्रिपाठी, सी.एस.आई.आर. एवं डा. रमेश चन्द्र परामर्श बी.बी.डी.ने अपने विचार व्यक्त किये।

वृद्धावस्था के विधिक अधिकारों की चर्चा करते हए उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अरविन्द कुमार भारद्वाज ने बताया कि परिवार एवं बच्चों द्वारा उपेक्षित एवं प्रताड़ित बुजुर्गों हेतु भारत सरकार ने ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण कल्याण अधिनियम 2007 बनाया है।‘ जिसके तहत बुढ़ापे में 10,000 तक की भरण-पोषण की धनराशि एवं परिवार एवं बच्चों द्वारा उपेक्षा व घर से बेदखली पर 5,000 रूपये तक का जुर्मान तथा 3 माह की कैद का प्राविधान है। 

सुश्री प्रतिमा सचिव रेजीडेंस वेल्फेयर एसोसिएशन यमुना एपार्टमेंट ने कार्ययोजना प्रस्तुत करते हुए जानकारी दी कि हर आपार्टमेंट में सोसाइटी के सहयोग से बजुर्गों के सहायतार्थ हेल्पडेस्क स्थापित कर परामर्श एवं अन्य दैनिक सहयोग का प्रयास किया जाएगा। 

एविटाज हेल्थ केयर की ओर से डा. गीता द्विवेदी ने बताया कि एविटाज हेल्थ केयर का मुख्य उद्देश्य वृ़द्धजनों के लिये एक ऐसी व्यवस्था को बनाना है जिसमें हर उम्र को लोगों विशेष रुप से बुज़ुर्गों को गुणवत्ता पूर्ण और खुशहाल जीवन जीने में मदद मिल सके। 

एविटाज हेल्थ केयर बुजुर्गों कस्टमाइज्ड 360 डिग्री केयर के लिये वन स्टॉप सोल्यूशन के मॉडल पर कार्य करेगा जिससे कि बुजुर्गां की जरुरत एक ही जगह से पूरी हो सके और बुज़ुर्गों और उनकी देखभाल करने वालों को आसानी हो सके। एविटाज हेल्थ केयर की सेवाओं में घर पर स्वास्थ्य एवं डाइग्नोस्टिक सेवायें, दैनिक जीवन के लिये सहायक सेवाओं और सामाजिक भागीदारी के लिये सेवाओं को शामिल किया गया है।  

उक्त अवसर पर विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा अपने अनुभवों को साझा किया गया। अन्त में अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन पूर्व जिला मलेरिया अधिकारी डी.एन.शुक्ला ने किया।
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