भाजपा के किस बड़े लीडर ने कहा - जिनमें पराक्रम होता है, वे परिक्रमा नहीं करते !

भाजपा के किस बड़े लीडर ने कहा - जिनमें पराक्रम होता है, वे परिक्रमा नहीं करते !

भाजपा के बड़े नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि जिन लोगों में पराक्रम होता है वे परिक्रमा नहीं करते है| उन्हें इस बात की भी चिन्ता नहीं होती है कि वे गन्तव्य तक पहुचेंगे कि नहीं |  

कबीर शान्ति मिशन के32वें वार्षिक समारोह को सम्बोधित करते डा. दिनेश शर्मा

कबीर शान्ति मिशन के 32वें  वार्षिक समारोह को कर रहे थे सम्बोधित, कहा- पिछले पांच साल में शिक्षा क्षेत्र की  बदल गई तस्वीर 

लखनऊ। भाजपा के बड़े लीडर पूर्व उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि पिता की डॉंट का सम्मान करने वाला पुत्र , गुरू की डॉंट का सम्मान करने वाला शिष्य और सुनार की पिटाई का सम्मान करने वाला स्वर्ण आभूषण बन कर निकलता है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों में पराक्रम होता है वे परिक्रमा नहीं करते हैं। उन्हें इस बात की भी चिन्ता नहीं होती है कि वे गन्तव्य तक पहुचेंगे कि नहीं पहुचेंगे। व्यक्ति अगर ईमानदारी से प्रण कर ले तो फिर हर चीज संभव हो जाती है। डा. शर्मा ने कहा कि जो लोग कम गुणी होते हैं वे दिखावा करते है पर गुणी लोग हैसियत का दिखावा नहीं करते हैं। 

कबीर शान्ति मिशन के 32वें  वार्षिक समारोह को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्ति की पहचान उसके सदकर्म से होती है। जीवन्त भाव में नहीं रहने के बावजूद जिस व्यक्ति को याद किया जाए सही मायनें में उसी ने समाज की सेवा की होगी। कबीर शान्ति मिशन के संस्थापक पूर्व आईएएस अधिकारी राकेश मित्तल जी ने इसी भाव से समाज की सेवा की थी। 

उन्होंने बुजुर्गो दिव्यांगों आदि के जीवन लगा दिया, पर कभी भी अपनी अथवा परिवार की पीड़ा के बारे में किसी से कुछ नहीं कहा। ऐसे लोग ही सही मायने में समाज को दशा देते हैं और आने वाली पीढी को राह दिखाते हैं। ऐसी ही अदभुत प्रतिभा के धनी राकेश मित्तल जी थे। मानव की पीड़ा को परखने वाला हीरे को परखने वाले से अधिक पारखी और गुणी होता है। वे ऐसी ही शख्सियत थे। 

उन्होंने स्व. श्री मित्तल के साथ जुडे अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक बार शान्ति पर हुई चर्चा में उसमें मैने उनसे कहा था कि अगर जीवन में शान्ति की इच्छा हो तो इच्छा को शान्त कर लेना चाहिए। आज वो हमारे बीच में नहीं है, पर उनका व्यक्तित्व और कृतित्व आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है। समाज के प्रति उनकी सोंच सकारात्मक ही रही। वे शानदार अधिकारी थे, जिन्होंने परिक्रमा नहीं की फिर भी महत्वपूर्ण निर्णयों के सहभागी बने। आज भी उनके कार्यों को लोग याद करते हैं। इस मिशन से तमाम गुणी लोग जुडे हैं और उनके अनुभव का लाभ समाज को मिले इसके लिए भी पहल की जानी चाहिए। उन्होंने इस मौके पर कबीर शान्ति मिशन की पुस्तक का भी लोकर्पण किया। 

इस मौके पर जस्टिस एस सी वर्मा , सेवा निवृत्त आईएएस शंभूनाथ , सेवा निवृत्त आईएएस जी बी पटनायक , सेवा निवृत्त आईएएस जे एस मिश्र , सेवा निवृत्त आईएएस आलोक रंजन , सेवा निवृत्त आईएएस टी लाल , सेवा निवृत्त आईएएस पी सी मित्तल , पूर्व डीजीपी के एल गुप्ता ,पद्मश्री विद्या बिन्दु सिंह , पद्मश्री डा मंसूर हसन , ब्रह्म कुमारी राधा बहन , आध्यात्मिक गुरू प्रपन्नाचार्य जी , सर्वेश अस्थाना , प्रो बी एन सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। बख्शी का तालाब स्थित कुम्हरावा में आयोजित कार्यकर्ता अभिनन्दन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए उन्होंने भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल को शानदार बताते हुए कहा कि आने वाले पांच साल प्रगति के परिचायक होंगे।

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