यूपी का कानपुर अशांत था, फिर एक पुलिस अधिकारी गरीब बेटी की डोली उठाने के लिए 24 घंटे की छुट्टी में कानपुर से चन्दौली पहुंच गया। मानवता की मिसाल पेश करने वाले उस पुलिस अफसर का नाम है त्रिपुरारी पांडेय |
चंदौली जिले में सकलडीहा तहसील के नरैना गांव में सुखदेव पटेल की पत्नी को मरे 15 वर्ष हो गए हैं। फिर उनके कंधों पर अपनी संतान एक लड़की तथा एक लड़का का बोझ हो गया। वे गांव के ही एक व्यक्ति के यहां उसके घर पर ₹2000 महीने में मजदूरी करने लगे।
गुड्डी की शादी की तारीख तय हो चुकी थी,चिंता सताए जा रही थी पिता सुखदेव को
इधर, अपनी पुत्री गुड्डी को शादी की चिंता ने सुखदेव को खाए जा रही थी, अचानक उनके दूर के रिश्तेदारों ने गुड्डी की शादी वाराणसी जिले के लहरतारा (नई बस्ती) के नौजवान राजू पटेल से तय करा दी। अब शादी की तारीख तय हो चुकी थी लेकिन सुखदेव के पास लड़की के हाथ पीले करने के लिए कुछ नहीं था।
इसी बीच सुखदेव का लड़का सत्येंद्र अपनी ही स्वजातीय सोनू पटेल (पत्रकार) से संपर्क किया । फिर एक-एक करके कड़ी जुड़ती गयी और तब तक सुखदेव सकलडीहा तहसील के आवाजापुर निवासी दुर्गेश सिंह जो राज्यपाल द्वारा समाज सेवा का प्रशस्ति पत्र पा चुके के पास पहुंच चुके थे। अब क्या था ? समाजसेवी श्री दुर्गेश सिंह ने तत्काल मोबाइल फोन से यूपी के कानपुर कर्नलगंज के पुलिस अधिकारी त्रिपुरारी पांडे से बात की।
अफसरों ने 24 घंटे की दी छुट्टी, कानपुर से नरैना पहुंच गए त्रिपुरारी पांडेय
आगे तय समय पर 5 जून 2022 को वह समय आ ही गया। उस दिन शाम 6:00 बजे अपनी पत्नी के साथ कानपुर से छह घंटे निजी साधन से चलकर पुलिस अधिकारी कर्नलगंज, कानपुर त्रिपुरारी पांडे सकलडीहा तहसील के नरैना गांव पहुंच गए। फिर क्या था समाज में फैली आशंका का सैलाब को अचानक रुक गया क्योंकि ऐसे समय में कानपुर शहर दो वर्गों के आपसी संघर्ष में अशांत रहा , फिर समय निकालकर खुद उस दंगे का विवेचक पुलिस अधिकारी त्रिपुरारी पांडेय अपने धर्म की बेटी को समाज में सम्मानित वातावरण देने के लिए अपने आला अफसरों पर जोर डाला तो वे उनकी भावना को मानवीय संवेदना के काफी करीब समझते हुए 24 घंटे के लिए उन्हें छुट्टी दे दी।
इस बात से पुलिस त्रिपुरारी पांडे खुशी मन से अपने आला अफसरों को धन्यवाद देते हैं और परमात्मा के तरफ आकाश में देखते हुए मानो परमात्मा का उन्होंने धन्यवाद दिया कि प्रभु जैसा आप चाहेंगे वैसा ही होगा। शादी के दिन पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा था लेकिन पुलिस अधिकारी कर्नलगंज त्रिपुरारी पांडे को तो नेक नियति मानव पर्यावरण की धुन सवार थी, वे अपना रास्ता खुद बनाने के लिए समाज को सर आंखों पर बैठाने को तैयार हो गए।
" नायक अलग से समाज में नहीं आते इसी समाज मे रहते हैं"
कहते हैं नायक अलग से समाज में नहीं आते, वह इसी समाज में रहते हैं और बस भागवत कृपा समय रहते व्यक्ति विशेष पर हो जाती है तो दिल में खुशी और आंखों में जुनून लेकर विश्व सामाजिक वातावरण बनाने की जुनून में रहने का अलग ही सुकून है के साथ पुलिस अधिकारी त्रिपुरारी पांडेय और उनका परिवार बारातियों का दिल खोलकर स्वागत किया। उनका साथ देने के लिए गाजीपुर जिले के जमानिया कोतवाली की प्रभारी निरीक्षक वंदना सिंह ने अपने हम हमराही के साथ चादर की रस्म पूरी की तथा वर-वधु को जय माल के बाद आशीर्वाद दिया।
खाकी वर्दी के आशीर्वाद देने से पूरा ब्राह्मण बाहुल्य गांव में खुशी की लहर दौड़ गई और कुछ करने की जुनून स्थानीय ब्राह्मणों के मन में जगा गए क्षेत्राधिकारी त्रिपुरारी पांडे और उनका परिवार। इस भव्य कार्यक्रम को अमलीजामा पहनाने के लिए समाजसेवी दुर्गेश सिंह ने स्थानीय पत्रकारों को अपने साथ लेकर पूरी कमान सकलडीहा कोतवाली प्रभारी विनोद मिश्रा को दी थी । सभी ने अपने- अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया।
सबने की हर्षित बन से बिटिया गुड्डी की विदाई
शुभ रात्रि में विवाह संपन्न हुआ, सुबह हर्षित मन से ग्रामीण वासियों ने बिटिया गुड्डी की विदाई की तथा साथ ही पुलिस अधिकारी त्रिपुरारी पांडे द्वारा दिए गए उपहार के सामानों को देखकर आश्चर्यचकित हो गए। इतना सामान दिया गया था कि कोई नहीं कह सकता है कि उस लड़की की डोली उठी है, जिसके घर में खाने के लिए बाप को मजदूरी करनी पड़ती हो, आज वही घर के बेटी की डोली बहुत ही शानदार तरीके से शाही डोली बनकर जा रही है। गांव घर के सभी ने डोली को हर्षित मन से विदाई किया और पुलिस अधिकारी त्रिपुरारी पांडे पत्नी समेत तथा जमानिया के कोतवाल वंदना सिंह को कोटि-कोटि धन्यवाद दिए।