बसपा प्रमुख मायावती का बयान आया है | कहा - कौम के चन्दे पर चलने वाले निजी मदरसों में हस्तक्षेप का प्रयास को उचित नहीं कहा जा सकता है |
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बसपा प्रमुख मायावती |
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी गैर सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों का सर्वे करने जा रही है। इसे लेकर विरोधी दल सरकार को घेरने में जुट गई। आज शुक्रवार को मायावती का बयान आया है। कहा - कौम के चन्दे पर चलने वाले निजी मदरसों में हस्तक्षेप का प्रयास अनुचित है।
बसपा प्रमुख मायावती ने अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि, " मुस्लिम समाज के शोषित, उपेक्षित व दंगा-पीड़ित होने आदि की शिकायत कांग्रेस के जमाने में आम रही है। फिर भी बीजेपी द्वारा ‘तुष्टीकरण’ के नाम पर संकीर्ण राजनीति करके सत्ता में आ जाने के बाद अब इनके दमन व डराने का खेल अनवरत जारी है, जो अति-दुःखद व निन्दनीय।
दूसरे ट्वीट में बसपा प्रमुख ने कहा कि "अब यूपी में मदरसों पर भाजपा सरकार की टेढ़ी नजर है। मदरसा सर्वे के नाम पर कौम के चन्दे पर चलने वाले निजी मदरसों में भी हस्तक्षेप का प्रयास अनुचित जबकि सरकारी अनुदान से चलने वाले मदरसों व सरकारी स्कूलों की बदतर हालत को सुधारने पर सरकार को ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।"
बता दें कि यूपी सरकार के इस फैसले के मद्देनजर बीते दिनों दिल्ली के जमीयत-ए-उलेमा हिंद के कार्यालय में एक बैठक आयोजित हुई थी। इसमें यूपी के 150 से अधिक मदरसा संचालक मौजूद थे। इस बैठक में मौलाना अरशद मदनी ने कहा था कि, ये सर्वे मदरसों पर बुलडोजर चलाने के लिए किया जा रहा है। सरकार की मंशा खराब है और जान-बूझकर मुसलमानों को बदनाम करना चाहती है। इस उचित नहीं कहा जा सकता है।