Kisan Janchaupal : बंधीं की भरमार होने के बाद भी पानी के अभाव में नहीं होती हैं किसानों के खेतों की सिंचाई

Kisan Janchaupal : बंधीं की भरमार होने के बाद भी पानी के अभाव में नहीं होती हैं किसानों के खेतों की सिंचाई

सरकार की गलत सिंचाई नीति का परिणाम हैं कि बंधीं की भरमार होने के बाद भी चोविसहा / शिकारगंज के किसानों की खेतों में पानी के अभाव में फसलों की सिचाई नहीं होती हैं | 

                                                                 जन चौपाल में बोलते हुए किसान नेता अजय राय 

शिकारगंज / चंदौली | सरकार की गलत सिंचाई नीति का परिणाम हैं कि बंधीं की भरमार होने के बाद भी चोविसहा / शिकारगंज के किसानों की खेतों में पानी के अभाव में फसलों की सिचाई नहीं होती हैं, इसलिए किसान अब  किसानों की अनदेखी करने वाली भाजपा सरकार के खिलाफ लडा़ई तेज होगी | 


उक्त बातें रविवार को शिकारगंज में चौधरी चरण सिंह इण्टर कालेज में किसानों द्वारा आयोजित किसान जनचौपाल में बोलते हुए वक्ताओं ने कही। जन चौपाल में किसान नेताओं ने कहा कि अगर अतरसुघवा में भोका कट कर पानी भोकाबंधी में गिरा दिया जाए तो यहाँ के किसानों की खेती करने के लिए पर्याप्त पानी मिल जाए,  लेकिन इस सवाल पर सरकार व सिंचाई विभाग कोई पहल ने ले रहा हैं |

Read More: 





 वहीं हर सरकार में जलकूप योजना के तहत टयूबेल लगाने के लिए आता हैं, लेकिन तेजतर्रार व बाहुबली जनप्रतिनिधि इस योजना का लाभ अपने क्षेत्र में ले जाते हैं और यह इलाका इससे वंचित रह जाता हैं। इसलिए किसान इस योजना को भी इस क्षेत्र में लाने की लड़ाई लड़े |


बंधींओं का मछली का ठेका रद्द होने की मांग उठाते हुए किसान नेताओं ने कहा कि किसानों की खेतों के लिए पानी की जरूरत नहीं होती हैं , तब पानी बंधींओं से वहां दिया जाता हैं क्योंकि मछली ठेकेदार को मछली मारना रहता हैं और जब पानी की जरूरत किसानों की रहती हैं तब पानी निकालने नहीं दिया जाता हैं |  

भोका बंधीं को बंधा का दर्जा देने की लड़ाई लड़ेंगे किसान 


किसान नेताओं ने कहा कि खासकर भाजपा सरकार किसानों की खेती को चौपट कर किसानों को मजबूर कर रहीं हैं कि आप कारपोरेट घराने को खेतों को सौंप दे! इसी योजना के तहत सरकार ने तीन किसान विरोधी बिल लायी थी, जिसको किसानों ने आंदोलन के बल पर एक हद तक वापस करने पर बाध्य कर दिया |  


किसान नेताओं ने मांग उठाया कि तत्काल सूखा राहत योजना की घोषणा हो और सभी तरह की वसूली पर रोक लगे। वक्ताओं ने कहा कि खुद पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान रक्षा मंत्री का गाँव के किसानों का खेत पानी के अभाव में परती हैं और धान की रोपाई नहीं हो पाई। कुशही, करवंदिया, बलिया कला, बलिया खुर्द, शिकारगंज, बोदलपुर, मुड़हुआ, पण्डी, जोगिया कला, दायुदपुर, गायघाट, बोदलपुर, अलिपुर भंगड़ा, गणेशपुर, पिपडखडिया, रामपुर, सहित दर्जनों गांव सूखे के चपेट में हैं | 

                                                      भाजपा सरकार के खिलाफ लडा़ई तेज करने का एलान 

भोकाबंधी, गुलालबंधी, मुकरमबंधी, बहेलिया पुर बंधीं, हेमियाबंधी, बिहड़ी बंधी, गणेशपुर बंधीं होने के बाद भी आज किसानों की धान की फसल की रोपाई नहीं हुआ। नेवाजगंज पंम्प कैनाल की क्षमता बढ़ाने से भी किसानों की कुछ हद तक समस्या हल हो सकती हैं | 


किसान महापंचायत की अध्यक्षता श्याम बिहारी पाल ने किया, किसान महापंचायत को किसान रामचन्द्र यादव, सरोज यादव, मजदूर किसान मंच के राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय, किसान सभा के लालचंद यादव, किसान महासभा के अनिल पासवान, किसान विकास मंच के संगठन मंत्री राम अबध सिंह, भारतीय किसान यूनियन के मणीदेव चतुर्वेदी, किसान सरोज यादव, दशरथ यादव, बाढ़ु यादव, शम्भू नाथ यादव, वंशनारायण त्रिपाठी, परवीण कुशवाहा, ई.अवधेश कुमार यादव, रामलाल यादव,बब्वन यादव,अमर बहादुर चौहान, सुनील कुमार, दिनेश यादव, भृगुनाथ विश्वकर्मा, राजेन्द्र यादव, कमलेश पति कुशवाहा, अशोक यादव, हिम्मत बहादुर सिहं, परवीण कुमार यादव, दशरथ सोनकर, परमानन्द कुशवाहा,रूपेन्द्र चौहान ने सम्बोधित किया। संचालन राजेन्द्र यादव ने किया | 


सबसे विश्वसनीय पूर्वांचल का हिंदी न्यूज़ वेबसाइट पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट | For more related stories, follow: News in Hindi -👉 Facebook, 👉Twitter.  👉 Instagram 👉 Teligram.