न्यायालय अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम चंदौली जगदीश प्रसाद राजपूत ने दहेज़ उत्पीड़न व हत्या के मुकदमे में दोष सिद्ध अभियुक्त पति व ससुर को सात - सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और अर्थ दंड से दण्डित किया है |
👉अन्य धाराओं में भी दो-दो वर्ष की सश्रम कारावास के साथ अर्थदंड से भी दंडित, मुकदमा दर्ज हुआ था शहाबगंज थाने में
चंदौली न्यायालय अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम चंदौली जगदीश प्रसाद राजपूत ने दहेज़ उत्पीड़न व हत्या के मुकदमे में दोष सिद्ध अभियुक्त पति व ससुर को सात - सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाया है। अन्य धाराओं में भी दो-दो वर्ष की सश्रम कारावास के साथ अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। अभियोजन की तरफ से इस मुकदमे की पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता संजय कुमार त्रिपाठी ने की।
वादी: संग्राम मौर्य पुत्र स्वर्गीय रामकिशोर मौर्य, निवासी मोहल्ला नागरपुर कस्बा। थाना-चुनार व जनपद मिर्जापुर |
प्रतिवादी : लालू उर्फ़ सत्यनारायण ( पति ) , राम हरख मौर्य (ससुर), प्यारी देवी (सास) निवासी जमोखर,
शहाबगंज थाना , जनपद चंदौली |
धाराएं: 304 बी आईपीसी, 498-ए आईपीसी, धारा-4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम। मुकदमा शहाबगंज थाने में पजीकृत कराया गया था |
घटना : वादी ने अपनी पुत्री खुशबू की शादी 4 मार्च 2016 को प्रतिवादी लालू उर्फ़ सत्यनारायण से की थी, ससुराल जाने पर लड़की के पिता से अतिरिक्त दहेज में मोटरसाइकिल और सोने की मांग पूरी न होने पर खुशबू की 17 सितंबर 2016 को हत्या कर दी गई।
फैसला: न्यायालय जनपद न्यायाधीश प्रथम चंदौली श्री जगदीश प्रसाद राजपूत ने दोष सिद्ध अभियुक्त ससुर राम हरख मौर्य एवं पति लालू उर्फ़ सत्यनारायण प्रत्येक को धारा 304 -बी आईपीसी में सात-सात साल की सश्रम कारावास सुनाया गया | धारा 498-ए आईपीसी में दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास वह दो - दो हजार रूपये अर्थदंड से दंडित दंडित किया गया है।
अर्थदंड न भरने पर एक-एक माह की अतिरिक्त कारावास एवं धारा-4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में प्रत्येक को छह माह के सश्रम कारावास तक पांच- पांच हजार अर्थदंड लगाया गया। अदा न करने पर तीन-तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतना पड़ेगा। अर्थ दंड की धनराशि में से आधी धनराशि मृतका के पिता को दी जाएगी। अभियोजन की तरफ से इस मुकदमे की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजय कुमार त्रिपाठी ने किया।