सेवा अस्पताल के सामने सीतापुर रोड पर शहर की तरफ से आ रही एक कार में अचानक आग लग गई| इंजन से लपटें उठती देख चालक गाड़ी धीमी कर वाहन से कूद गया और चंद कदम दूर जाकर गाड़ी धूं- धूं करके जल गई|
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सांकेतिक फोटो |
लखनऊ। बुधवार की देर रात सेवा अस्पताल के सामने सीतापुर रोड पर शहर की तरफ से आ रही एक कार में अचानक आग लग गई। इंजन से लपटें उठती देख चालक गाड़ी धीमी कर वाहन से कूद गया और चंद कदम दूर जाकर गाड़ी धूं- धूं करके जल गई।
जिस जगह वाहन में आग लगी, उसके कुछ दुरी पर ही छठा मील फायर स्टेशन था। फायर ब्रिगेड तुरंत मौके पर पहुंची और पानी की बौछारों से आग पर काबू पाया लेकिन तब तक गाड़ी पूरी तरह से जल चुकी थी। गाड़ी से जान बचाकर निकले फैजुल्लागंज निवासी चालक अंकित मिश्रा ने बताया वाहन में गैस-किट लगी थी, लेकिन घटना के वक्त गाड़ी पेट्रोल से चल रही थी। शार्ट सर्किट होने की वजह से आग लग गई। वाहन में उनके अलावा कोई और नहीं सवार था, वरना बड़ा हादसा हो तय था।
सरकारी नियम कोई मायने नहीं , बेधड़क दौड़ रहे पुराने वाहन
दरअसल में किसी बड़ी घटना के बाद ही प्रशासन की नींद टूटती है। यूपी सरकार की एडवाइजरी को फिलहाल ताक पर रखना आम बात हो गया है। पिछले साल अक्टूबर में प्रदूषण व सुरक्षा के हालात के देखते हुए सरकार ने आदेश जारी किया कि प्रदेश में अब 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां सड़क से बाहर होंगी, उनका दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने पर अतिरिक्त शुल्क और ग्रीन टैक्स देना होगा। साथ ही फिटनेस आदि की भी जांच होगी । लेकिन शहर की सड़कों पर बिना नियमों को मैनें तो 20-25 साल तक पुराने वाहन दौड़ रहे हैं। बुधवार की रात जिस मारुति कार में आग लगी, वह 2000 मेक माॅडल यानी 22 साल पुरानी गाड़ी थी।
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