जमदहा गांव में ससुराल वालों ने एक विवाहिता को घर से निकाल दिया| जब पीड़ित महिला को कोई मदद नहीं मिली तो दुधमुंहे बच्ची के साथ धरने में बैठ गई |
जौनपुर। जिले के खुटहन थानांतर्गत जमदहा गांव में ससुराल वालों ने एक विवाहिता को घर से निकाल दिया। जब लोकल पुलिस से भी पीड़ित महिला को मदद नहीं मिली तो वह दुःखी होकर दुधमुंहे बच्ची के साथ सोमवार को पति के घर के चौखट पर धरने पर बैठने को मजबूर हो गयी ।
अब महिला को न्याय दिलाने के लिए ग्रामीण भी उसका समर्थन कर रहे हैं । इस स्थिति के बाद परिजनों ने दरवाजा बंद करके खुद को घर में बंद कर लिया है। विवाहिता ने चेताया की उसे न्याय मिलने तक वह धरने पर बैठी रहेगी।
बताया जाता है कि जिले के ही सरायख्वाजा के शिकारपुर गांव की रहने वाली घर के लोगों के साथ महाराष्ट्र के कल्याण में बतौर गार्ड की नौकरी करते हुए अपने परिवार के साथ रहती थी। पांच साल पूर्व जमदहा निवासी मिंटू प्रजापति से उसे प्रेम हुआ तो दोनों ने मंदिर में जाकर शादी कर ली। वहां पर पति-पत्नी के रूप में रहने लगे। मिंटू एक ट्रेवल एजेंसी में काम करता था। इस बीच डेढ़ साल की एक पुत्री हुई, जिसका नाम नव्या रखा गया।
विवाहिता सुनीता सात माह की गर्भवती भी है
सुनीता ने बताया कि छह माह पूर्व बिना बताएं उसका पति मिंटू गांव चला आया। वो भी बच्ची के साथ गांव पहुंची तो ससुरालियों ने उसे नहीं रखा। पुलिस की मदद से तीन माह के इंतजार के बाद वह ससुराल में रहने लगी तो कुछ माह बाद मिंटू उसे छोड़कर फिर कहीं चला गया। इसके बाद उसकी सास, ननद और देवर प्रताड़ित कर घर से निकाल दिए। विवाहिता सुनीता सात माह की गर्भवती भी है।
थाना और एसपी कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद भी अभी तक न्याय नहीं
ससुराल वालों के इस रवैये से पीड़ित महिला ने न्याय के लिए थाना और एसपी कार्यालय का चक्कर लगा चुकी है , लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिल सकी। इसके बाद पीड़ित महिला सोमवार को बच्ची के साथ पति की चौखट पर अपने अधिकार के लिए धरने में बैठ गई। उसका कहना है कि जब तक उसे और उसकी बच्ची को अधिकार नहीं मिल जाता तब वो यहां से नहीं हटेगी। इस सबंध में एसओ यजुर्वेन्द्र सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आ चुका है, आरोपी मुंबई चला गया है। इस मामले की पड़ताल की जा रही हैं।