यूपी की राजधानी लखनऊ सहित देशभर में देवोत्थान एकादशी पर्व व भगवान विष्णु और माता तुलसी का विवाह भारी उत्साह और धूमधाम से मनाया गया |
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भगवान विष्णु व माता तुलसी की विधि-विधान से हुई पूजन-अर्चना |
👉सभी ने एकादशी की कथा सुनी और गन्ने का मंडप बनाकर की पूजा
👉गंगा में लगाई आस्था की डुबकी, लोक कल्याण की किये कामना
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ सहित देशभर में देवोत्थान एकादशी पर्व व भगवान विष्णु और माता तुलसी का विवाह भारी उत्साह और धूमधाम से मनाया गया। जगह-जगह भगवान विष्णु व माता तुलसी की विधि-विधान से पूजन-अर्चना हुआ। सभी ने एकादशी की कथा सुनी और गन्ने का मंडप बनाकर पूजा की गई। काफी संख्या में लोगों ने व्रत भी रखा और देवालयों में मत्था टेककर सुखमय जीवन की कामना की गई।
यहां पौराणिक मान्यता है कि देवोत्थान एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु और माता तुलसी का विवाह हुआ था। आज का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु के क्षीरसागर में शयन से जागने का दिन है। राजधानी लखनऊ,वाराणसी, विंध्य नगरी सहित पूरे प्रदेश में चहुंओर इस पर्व की धूम मची रही।
सभी ने अपने घरों में पूरी आस्था से भगवान विष्णु और माता तुलसी का विवाह किया गया। श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर एकादशी की कथा सुनी और रात को घरोंऔर छतों पर दीपक जलाये गए। एकादशी पर्व पर चारों और अलौकिक छटा बिखरी हुयी थी ।
गंगा में लगाई आस्था की डुबकी, लोक कल्याण की कामना किये
एकादशी पर्व पर भक्तों ने गंगा में डुबकी लगाई और लोक कल्याण की कामना किये। वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज, मिर्ज़ापुर, विंध्याचल सहित अन्य शहरों में गंगा घाटों पर भोर से ही भीड़ उमड़ पड़ी थी । श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य का आचमन किया और दान कर पुण्य कमाया।
फल-फूल व गन्ने की खूब हुई खरीदारी
बाजार में लाई, मिठाई और लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमायें , गन्ना, सिंघाड़ा, कंदा, फूल और फलों की खूब खरीदारी हुयी। जगह-जगह मंदिरों को विद्युत झालरों से सजाया गया था। राजधानी लखनऊ के ताड़ीखाने स्थित विंध्याचल मंदिर में सुबह से शाम तक दर्शन-पूजन का दौर चलता रहा। एकादशी पर सोने-चांदी के आभूषण और दो पहिया व चार पहिया गाड़ियों की भी बिक्री हुई। लोगों ने बाज़ारों में खूब खरीदारी की।