चंदौली रंग महोत्सव के तत्वावधान में निकला भव्य रंग यात्रा और हुआ कवि सम्मेलन

चंदौली रंग महोत्सव के तत्वावधान में निकला भव्य रंग यात्रा और हुआ कवि सम्मेलन

चंदौली रंग महोत्सव के तत्वावधान में भव्य रंग यात्रा निकाली गई | इस मौके पर कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया। 

चंदौली रंग महोत्सव के तत्वावधान में निकला भव्य आयोजन रंग यात्रा और हुआ कवि सम्मेलन

पीडीडीयू/चंदौली। नगर के जीटी रोड पर अग्रवाल सेवा संस्थान में चंदौली रंग महोत्सव में अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन कवि मनोज मधुर के अध्यक्षता और प्रेरणा हिन्दी प्रचारिणी सभा-उत्तर प्रदेश के प्रदेश संयोजक कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक के संचालन में संपन्न हुआ।

 चंदौली रंग महोत्सव के संस्थापक- महासचिव - अस्मिता नाट्य संस्थान के विजय कुमार गुप्ता के प्रमुख संयोजन में रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक हसगुल्ला छोड़ा :- 

कवि सुरेश अकेला ने - जख्म पर किसी के जो मरहम लगाते हैं, है तजुर्बा मेरा वो सदा मुस्कुराते हैं, 
कवयित्री सुमति श्रीवास्तव ने - नफरतों के बीज कुछ ऐसे जहां में बो गए, झरना मुखर्जी ने -दिल के जज्बातों को छुपाया हैं, प्यार उसका मुझे रूलाया है, 

डॉ.सुबाष चंद्र ने -बड़ी खामोशी के साथ कलम का जोर देखा है,दो-चार पन्नों में, जिंदगी का शोर देखा है,

फायर बनारसी ने -खेतों और खलिहानों में,अब हम बारूद बम उगायेगें,

मो.शहबाज मकदूमाबादी ने - इस महफिल में बैठे जितनें प्यार की वो निशानी हैं, बच्चा - बच्चा चंदौली का सच्चा, हिंदुस्तानी हैं

श्रृषि रोही-दरभंगा ने -मैं हिन्दी का राजा बेटा, तुम अंग्रेजी की क्वीन प्रिये, 

नरेंद्र कुमार ने - नफरतों को दरकिनार कर इक दूजे के प्रति प्यार किजिए,हम सब हैं हिन्दुस्तानी, बैर का भाव छोड़ ऐसा एहसास किजिए, 

रविनंदन मिश्र ने - कभी दिल से हंसाया,कभी रूलाया है, जिंदगी सबका है हरफनमौला,कभी खुशी,कभी ग़म पाया है, 

डॉ.आनंद प्रकाश श्रीवास्तव ने - पर्यावरण प्रदूषण को हम सब दूर भगाएं, जीवन है अनमोल ये विचार हर जन-जन के मन में लाएं,

चंदौली रंग महोत्सव के तत्वावधान में निकला भव्य आयोजन रंग यात्रा और हुआ कवि सम्मेलन


मंच संचालक -कवि इंद्रजीत निर्भीक ने - चंदौली रंग महोत्सव में दिखता है सब ढंग,हम सब मिलजुलकर रहें, करें किसी को कभी ना तंग, 

अध्यक्षता करते हुए मनोज मधुर ने - मर्यादा - मर्यादित रखकर किते नेक सब काम,हम सब उनके पदचिन्हों को नमन करके, करें नेंक सबकाम,बोलो राम -राम-राम,बोलो श्याम - श्याम, श्याम।

मुख्य अतिथि डॉ विनोद विंद-विधायक मझवां थे। विशिष्ट अतिथि रत्न श्रीवास्तव, सी.वी.सिंह वरिष्ठ पत्रकार, सुरेन्द्र रौनियाल,सतीश विंद, संतोष तिवारी, आलोक सिंह सभासद थे। स्वागत संयोजक मंडल के प्रमोद अग्रहरि, ओमप्रकाश चौबे, निक्की गुप्ता सहित अनेकों लोगों ने किया। धन्यवाद आभार आयोजक अध्यक्ष डॉ.राजकुमार गुप्ता, महासचिव- नाट्य रंगकर्मी विजय कुमार गुप्ता ने किया।

साहित्यिक कार्यक्रम संरक्षक द्वय - श्रीप्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश एवं कृषि ऋषि श्रीप्रकाश सिंह रघुवंशी -लौकी बाबा ने स्मृति चिन्ह एवं अस्मिता दर्पण सम्मान भेंटकर रचनाकारों का सम्मान किया।इसके  साथ ही अस्मिता नाट्य संस्थान और आशीर्वाद प्रिन्टर्स के संयुक्त तत्वावधान मे आज वरिष्ठ पत्रकार  स्व0 कुमार अशोक जी के स्मृति मे अन्य राज्यों से आई  नाट्य संस्थानो ने एक  रंगयात्रा अपनी -अपनी भेषभूषा  मे अपने अनोखे  अन्दाज मे निकाला।

रास्ते मे कलाकारो के लिए सुनिल यादव और उनके सहयोगियो ने चाय पानी की व्यवस्था कर रखा  था।
रंग यात्रा जब शहर मे प्रवेश किया को लगा के आशमान के सितारे जमीं पर आ गये  है। 

राऊरकेला ले आई रंग संस्था पंचतत्व ने पुरी के याद दिलाई और ज्योति कान्वेंट स्कूल अलीनगर व युथ थियेटर ग्रुप शाहजहॉ पुर ने पेड़ बचाओ हरियाली लाओ का सन्देश दिया  

चंदौली रंग महोत्सव के तत्वावधान में निकला भव्य आयोजन रंग यात्रा और हुआ कवि सम्मेलन

उसके  पहले  अग्रवाल सेवा संस्थान पर रंगयात्रा को आत्मा राम तुल्स्यान जी ने हरि झंडी दिखाकर रवाना  करते  हुए कहा  कि यह  अद्भुत नजारा देखने  को वर्ष भर ईन्तजार रहता है। विशिष्ट अतिथि के तौर  पर आये  चन्द्रेश्वर जायसवाल ने कहा  कि यह  अपने  जनपद  का एक  अनोखा  कार्यक्रम है जिसमे महसुस होता  है कि कलाकार अपने  कला के माध्यम से असम्भव कार्य को भी  कर सकता  है। जितनी ठंड आज है उतना ही तपिश ईन कलाकारो में है। 
 
मौके पर संतोष तिवारी हेमन्त विश्वकर्मा निक्की गुप्ता  राजू पासवान राकेश अग्रवाल ने रंग यात्रा की अगवानी की| 
.रंग यात्रा नगर भ्रमण के बाद गुरुद्वारा जीटी रोड पर समाप्त हुवा जहॉ  कार्यक्रम की अध्यक्षता करते  हुए गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष शम्मी सिंह ने सभी कलाकारो का स्वागत माल्यार्पण करते हुए कहा कि इसे जनपद का गौरव कहा जाए  तो कम नही होगा  हम  सभी  लोगो  का दायित्व है कि कलाकार जो मन के  कोमल होते  है उनका उत्साह वर्धन होता  रहे| मौके पर सरदार महेन्द्र सिंह कवलजीत सिंह, सतनाम सिंह, सुरेन्द्र सिंह ने अपना  विचार व्यक्त किया।

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