रामचरितमानस पर दिए गए स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर सियासत जोरों पकड़ ली है , स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह भी उतर आए हैं।
लखनऊ। रामचरितमानस पर दिए गए स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर सियासत जोरों पकड़ ली है,स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह भी उतर आए हैं। पहले ही विवादित बयान के बाद उसकी प्रतियां जलाने के मामले में पुलिस एफआईआर दर्ज कर चुकी है।
इस तरह से समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य चौतरफा घिरते नजर आये हैं । कहीं उनका जबरदस्त विरोध भी हो रहा है तो, कहीं भरपूर समर्थन भी मिल रहा है। इसी क्रम में आज सोमवार को पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का भी बयान स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थन में आ गया।
रामचरितमानस विवाद में आया नया मोड़ सामने आता जा रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह उतर चुके हैं। सुलखान सिंह ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखते हैं कि " स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुछ अंशों पर आपत्ति जताई, स्वामी प्रसाद मौर्य को इसका अधिकार है। उन्होने कहा कि रामचरितमानस पर जाति, वर्ग का विशेषाधिकार नहीं, प्रदूषित,अमानवीय ग्रंथों की निंदा तो करनी ही होगी। "
पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने साफ कहा कि भारतीय ग्रंथों ने समाज को गहराई से प्रभावित किया है ,अगर ग्रंथों में जातिवाद, ऊंच नीच, छुआछूत स्थापित किया गया, पीड़ित व्यक्ति/समाज अपना विरोध तो व्यक्त करेगा ही, हिंदू एकता के लिए इनका विरोध करना जरूरी भी है। उन्होने यह भी कहा कि ‘मैं रामचरितमानस और भगवद्गीता का नियमित पाठ करता हूं’।