अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम चंदौली विनय कुमार सिंह थर्ड ने हत्या व आर्म्स एक्ट के मामले में तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही अर्थ दंड भी लगाया है |
चन्दौली। अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम चंदौली विनय कुमार सिंह थर्ड ने हत्या व आर्म्स एक्ट के मामले में तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थ दंड भी लगाया है। यह घटना बलुआ थाना क्षेत्र की है।
दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया गया कि शिवाजी यादव पुत्र छविनाथ यादव ग्राम शेरपुर सरैया का निवासी है। मेरे गांव के उदय नारायण यादव पुत्र सिंगार यादव ने कई वर्ष पहले मेरे पिताजी को बम से मारा था। जिसका मुकदमा लिखा गया था, तभी से उदय नारायण यादव मेरे पिता व परिवार से रंजिश मानते हैं। कुछ समय बाद उदय नारायण यादव ने मेरे गांव संजय यादव उर्फ सीताराम उर्फ भगत पुत्र गुरुजी यादव जो शातिर किस्म का अपराधी है तथा कैलाश नाथ यादव पुत्र पुरुषोत्तम यादव को अपने पक्ष में मिला लिया।
उदय नारायण यादव के इशारे पर संजय यादव, कैलाश यादव ने मेरे पिता और भाई केशव सिंह यादव को कई बार जान से मारने की धमकी दी। बावजूद, हम लोगों ने विशेष ध्यान नहीं दिया। 3 मार्च 2013 को मैं और मेरा भाई केशव सिंह यादव मारूफपुर बाजार से अपनी मोटरसाइकिल से वापस घर जा रहा था, मेरा भाई मोटरसाइकिल चला रहा था कि पीछे में बैठा था।
समय शाम 6:00 बजे करीब जैसे हम लोग शेरपुर सरैया जाने वाले रास्ते के मोड़ पर सर्वजीत मिश्रा के मकान के पास पहुंचे तो देखा कि शेरपुर सरैया रोड पर मोटरसाइकिल खड़ी करके संजय और भगत यादव कैलाश नाथ यादव और उदय नारायण यादव अन्य खड़े थे। हम लोगों ने देख कर अपने सब ने ललकारा कि आज साले मौके से मिल गए हैं मार डालो। जान बचाने के लिए गाड़ी छोड़कर मेरा भाई केशव यादव और मैं भाग चले।
मैं भागकर सुजीत मिश्रा के मकान में बनी दयाराम यादव की किराना की दुकान में छुप गया परंतु मेरा भाई केशव यादव को उपरोक्त संजय यादव उर्फ भगत उदय नारायण यादव कैलाश यादव आदि ने मारकर हत्या कर दी और सभी मुलजिम मोटरसाइकिल से भाग गए।
इस घटना को मेरे द्वारा इंद्रजीत यादव पुत्र महेश यादव किराना दुकान पर मौजूद था निवासी शेरपुर दुकान के पास मौजूद तमाम लोगों ने देखा। मेरे भाई केशव यादव की लाश मौके पड़ी है। लाश के पास में परिवार गांव के तमाम लोग मौजूद हैं रिपोर्ट लिख कर कार्रवाई की जाए। इस घटना में पुलिस ने इस घटना में प्रयुक्त किए गए तमंचे को सैदपुर पुल के पिलर के पास से बालू की आड़ में छिपा छिपाकर रखा गया था, उसे बरामद किया।
इस मामले में अभियोजन की तरफ से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजय कुमार त्रिपाठी ने अपना तर्क प्रस्तुत किया जबकि अभियुक्तो की तरफ से अन्य वकीलों के बहस जिरह और गवाहों के बयान के बाद अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम चंदौली विनय कुमार थर्ड महोदय ने इस मामले में सभी तीनों अभियुक्तों कैलाश नाथ, उदय नारायण, एवं संजय उर्फ भगत उर्फ सीताराम को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और पच्चीस-पच्चीस हजार के अर्थ दंड से दंडित किया।
कहा है कि अर्थ दंड न भरने की स्थिति में प्रत्येक दोषी द्वारा दो-दो वर्ष की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतना पड़ेगा। साथ ही एक अन्य 25 आर्म्स एक्ट के मामले में दोषी को तीन-तीन वर्ष की कठिन करावास की सजा और साथ ₹3000 का दंड से दंडित किया गया है। अर्थदंड अदा न करें कि दोषी द्वारा 3 माह की अतिरिक्त कारावास की सजा दी जाएगी। इस मुकदमें की पैरवी संजय कुमार त्रिपाठी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ने किया।