छह दशकों के लंबे इंतजार के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश में गाजीपुर जिले में गाजीपुर सिटी और सोनवाल ताड़ीघाट स्टेशन के बीच 9 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग पर गंगा नदी पर बने नए पुल पर ट्रेन का सफल ट्रायल किया गया।
गाजीपुर | आजाद भारत के इतिहास में संभवत गंगा नदी पर यह पहला रेल पुल है, जिसका निर्माण हुआ है | 1962 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निर्देश पर पूर्वांचल के विकास के लिए गठित पटेल आयोग कमीशन द्वारा इस रेलमार्ग के लिए निर्माण की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी। जिसे मूर्त रूप देने में आज 62 वर्ष का समय लग गया।
हालांकि, अब ताड़ीघाट रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रेलवे स्टेशन कर दिया गया है। इस रेल पुल परियोजना के लिए 14 नवंबर 2016 को तत्कालीन रेलमंत्री गाजीपुर के सांसद मनोज सिन्हा के आग्रह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजीपुर में शिलान्यास किया था। 1766 करोड़ रुपये की लागत से लगभग छह वर्ष बाद पूर्ण हुई।
जिस पर शनिवार की शाम डीजल इंजन से ट्रेन ट्रायल का सफल परीक्षण किया गया। 1962 में गाजीपुर के तत्कालीन सांसद स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह गहमरी पूर्वांचल में गरीबी और पिछड़ेपन का बयान करते हुए संसद भवन में रो पड़े थे।
वह अपने कपड़े की पोटली में गोबर से सना हुआ अनाज लेकर संसद भवन पहुंचे थे। जहां उन्होंने गरीबों की प्रस्तुति करण करते हुए बताया कि पूर्वांचल में पशुओं के गोबर से निकलने वाले खड़े अनाज को धोकर आदमी खाता है। उनके इस प्रस्तुतीकरण से समूचा सदन अवाक रह गया था। और वह फफक कर रो पड़े थे।
तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू के निर्देश पर पटेल आयोग कमीशन का गठन हुआ था, जिसे से पूर्वंचल के पिछड़ेपन व गरीबी से उबारने रिपोर्ट मांगी गई थी ।
पटेल आयोग की रिपोर्ट पर गाजीपुर ताड़ीघाट रेल मार्ग द्वारा पूर्वांचल में विकास के बाबत तमाम रिपोर्ट खाका प्रस्तुत किए गए। गाजीपुर में नंदगंज चीनी मिल, बहादुरगंज कताई मिल, देवकली पम्प कैनाल, नहर परियोजना इत्यादि जैसे काम हुए। वहीं ताड़ीघाट रेल लाइन को गंगा नदी पर नया पुल बनाकर गाजीपुर सिटी तक जोड़ने की परियोजना पर कोई काम न हो सका।
आयोग के गठन के लगभग 60 साल बाद रेल राज्य मंत्री गाजीपुर के तत्कालीन सांसद मनोज सिन्हा ने द्वारा 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों गाजीपुर में रेल लाइन परियोजना का शिलान्यास कराया। इसके साथ ही उक्त रेल लाइन को ताड़ीघाट गाज़ीपुर होते हुए मऊ तक जोड़ने की आधारशिला रखी गई।
आरबीएनएल के रेल विभाग के द्वारा उक्त कामों को दो फेज में बांट दिया गया। पहले फेज के तहत ताड़ी घाट से गाजीपुर 9.5 किलोमीटर रेल लाइन बिछाते हुए गंगा नदी पर नया पुल की परियोजना रखी गई। शनिवार की शाम 6:35 पर शुरू हुआ यह ट्रायल एक घंटे का था। रेल अधिकारियों द्वारा बताया गया कि मार्च माह में ही इलेक्ट्रिक इंजन लगाकर भी परीक्षण किया जाएगा। फिलहाल दूसरे चरण का काम गाजीपुर सिटी से मऊ जंक्शन तक कार्य शुरू नहीं हो सका।
इस अवसर पर आरबीएनएल के सीपीएम विकास चंद्र, पीडी जीवेश ठाकुर, जीपीटी इंफ्रा प्रोजेक्ट के वाइस प्रसिडेंट अश्वनी कुमार सहित रेल विभाग के तमाम वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। किया जाएगा फिलहाल दूसरे चरण का कामकाज नहीं हो सका है इस चैनल के ठाकुर सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे|