ग्राम अमड़ा में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस के शुभ अवसर पर सर्वप्रथम कलश स्थापना के पहले गांव भ्रमण किया गया।
👉सर्वेश्वराचार्य ने कहा- बिना कथा सुने भगवान अगर मिल भी जाए तो हम उन्हें पहचान नहीं सकते
👉ग्राम अमड़ा में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस के शुभ अवसर पर सर्वप्रथम कलश स्थापना के पहले गांव भ्रमण
By-Diwakar Rai / धीना, चंदौली | विकास खंड बरहनी अंतर्गत स्थित ग्राम अमड़ा में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस के पर सर्वप्रथम कलश स्थापना के पहले गांव भ्रमण किया गया। गांव के सभी-देवी देवताओं का पूजन अर्चन किया गया। मुख्य यजमान श्री यशवंत पाठक पत्नी किरण पाठक रहे। कथा में गांव के सैकड़ों लोग कलश यात्रा के दौरान उपस्थित रहे। तत्पश्चात प्रसाद वितरण हुआ । इसके बाद कथा प्रारंभ हुई।
श्री सुंदर राज यति (यतिराज ) स्वामी महाराज ने भागवत कथा के दौरान श्रोताओं को कथा श्रवण कराते हुए कहा कि भागवत कथा मनुष्य का तो कल्याण करती ही है लेकिन प्रेत भी यदि भागवत कथा का श्रवण कर लें तो उसका भी कल्याण हो जाता है।
जैसे, धुंधकारी प्रेत योनि को प्राप्त करने के बाद अपने भाई गोकर्ण के द्वारा भागवत कथा श्रवण किया तो उसका प्रेत योनि से उद्धार हुआ। यह भागवत कथा देवताओं के लिए भी दुर्लभ है संत कृपा से ही संभव हो पाती है या जन्म जन्मांतर का जब पुण्य का उदय होता है। तब कहीं भागवत की कथा सुगम हो पाती है|
श्री राम कथा श्रवण कराते हुए झारखंड से आए जगतगुरु रामानुजाचार्य जी श्री सर्वेश्वराचार्य जी महाराज ने कहा कि बिना कथा सुने भगवान मिल भी जाए तो हम भगवान को पहचान नहीं पाते जिसका उदाहरण सती चरित्र सुनाकर समझाया कल्याण नहीं हुआ।
इस अवसर पर शिवानंद सिंह शिवकांत सिंह अर्जुन सिंह शिवचंद सिंह दिग्विजय सिंह मृत्युंजय सिंह राजन सिंह अंकित सिंह अभिषेक सिंह राजू सिंह सौरभ सिंह राम अवतार सिंह राज सिंह राम बचन सिंह डॉ समरबहादुर सिंह पवन सिंह देवकरण सिंह बब्बन सिंह वेद प्रकाश सिंह विशाल सिंह हेमंत सिंह रामविलास सिंह आदि उपस्थित रहे।