Ordinance Row आप के नेता व दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल मोदी सरकर के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने की कोशिशों के बीच आज सपा के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे।
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आज लखनऊ में अखिलेश से मिलेंगे सीएम केजरीवाल |
लखनऊ, पूर्वांचल न्यूज प्रिंट । खबर है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज बुधवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करने राजधानी आने वाले हैं । दोपहर करीब दो बजे एयरपोर्ट पहुंचेंगे और फिर वहां से विक्रमादित्य मार्ग स्थित सपा के प्रदेश कार्यालय के लिए रवाना हो जायेंगे।
मामला यह है कि सर्वोच्च न्यायालय से दिल्ली सरकार को ट्रांसफर-पोस्टिंग के मिले अधिकार को मोदी सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर खत्म किए जाने के खिलाफ केजरीवाल विपक्षी दलों का समर्थन मांगने में जुटाने में लगे हुए हैं। आम आदमी पार्टी (आप) के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह मुताबिक एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं द्वारा केजरीवाल का भव्य स्वागत किया जायेगा। अभी तक उनका पार्टी के प्रदेश कार्यालय आने का कोई कार्यक्रम तय नहीं है। वह अखिलेश से मुलाकात कर सीधे दिल्ली वापस लौट जायेंगे।
पंजाब सीएम भगवंत मान भी बैठक में रहेंगे साथ
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के प्रयासों बीच आज समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से भेंट करेंगे। इस बैठक में पंजाब के सीएम भगवंत मान भी केजरीवाल के साथ रहेंगे। मुख्यमंत्री सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया, "मैं और भगवंत मान साहब लखनऊ में अखिलेश यादव जी से मिलेंगे और केंद्र सरकार के असंवैधानिक अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के लोगों के अधिकारों के लिए समर्थन मांगेंगे।"
विपक्षी दलों से संपर्क कर आठ दलों का जुटाया समर्थन
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अध्यादेश के खिलाफ समर्थन हासिल करने के लिए गैर-बीजेपी दलों के नेताओं से लगातार संपर्क कर रहे हैं ताकि संसद में विधेयक लाए जाने पर इसे बदलने की केंद्र की कोशिश विफल कर सकें। अब तक 8 दलों का समर्थन जुटा है।
क्या है मामला और पूरी प्लानिंग
केंद्र सरकार ने 19 मई को दिल्ली में ग्रुप-ए के अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकरण बनाने के लिए अध्यादेश जारी किया, उसे आप सरकार ने सेवाओं के नियंत्रण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ धोखा कहा था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर दिल्ली में सेवाओं का नियंत्रण निर्वाचित सरकार को सौंपे जाने के एक सप्ताह बाद यह अध्यादेश लाया गया ।
शीर्ष अदालत के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के मामले लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यकारी नियंत्रण में रहे । केजरीवाल शीर्ष अदालत के फैसले को लागू होने के लिए केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश को राज्यसभा में निरस्त करवा देना चाहते हैं। यदि ऐसा हो गया तो इससे यह अध्यादेश कानून का रूप नहीं ले पाएगा। जिसके बाद कोर्ट के पुराने फैसले के द्वारा ही दिल्ली के सभी बड़े फैसले दिल्ली सरकार खुद ले सकेगी।