मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अधिवक्ता कल्याण निधि के लिए 220 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड 500 करोड़ रुपये कर दिया जाएगा।
🔷कहा -राज्य के न्यायालयों में लंबित सरकारी विभागों के मामलों का शीघ्र निस्तारण बहुत जरूरी
लखनऊ| गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्याय विभाग की समीक्षा की और प्रस्तुतिकरण देखा। इस दौरान, उन्होंने कहा कि राज्य के न्यायालयों में लंबित सरकारी विभागों के मामलों का शीघ्र निस्तारण बहुत जरूरी है। विभागों का काम इससे प्रभावित होता है। न्यायालयों में प्रभावी पैरवी के लिए शासकीय अधिवक्ताओं के अतिरिक्त विशेषज्ञ अधिवक्ताओं का पैनल बनाएं। इन अधिवक्ताओं को भी भुगतान करना होगा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आम जनता की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए न्यायिक प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए 10 जिलों (महोबा, हाथरस, चंदौली, शामली, अमेठी, हापुड़, औरैया, सोनभद्र, संभल और चित्रकूट) में एकीकृत न्यायालय परिसरों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से जिन जनपदों में जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है, उनमें भवन बनाने का कार्य शीघ्र शुरू करें। साथ ही, जिन जनपदों में अभी भूमि अधिग्रहण नहीं हुआ है, वहां भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को तेज करना भी आवश्यक है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अधिवक्ता कल्याण निधि के लिए 220 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड 500 करोड़ रुपये कर दिया जाएगा। यह धन अकाल मरने वाले अधिवक्ताओं के परिवारों को आर्थिक सहायता देगा। उनका अनुरोध था कि सभी न्यायालयों में पर्याप्त पार्किंग स्थानों की व्यवस्था की जाए। न्यायालयों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें। ई कोर्ट की परिकल्पना को साकार करने के लिए न्यायालयों को डिजिटाइज करने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करें।
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