6 Agust Ka Panchang: आज रविवार का हिन्दू पंचांग, शुभ मुहूर्त और राहुकाल तिथि

6 Agust Ka Panchang: आज रविवार का हिन्दू पंचांग, शुभ मुहूर्त और राहुकाल तिथि

6 अगस्त 2023 का पंचांग से शुभ मुहूर्त, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, सूर्योदय, चंद्रोदय, राहुकाल, पंचक, भद्रा, दिशाशूल आदि का पता चलता है| 

6 Agust Ka Panchang: आज रविवार का हिन्दू पंचांग, शुभ मुहूर्त और राहुकाल तिथि

पूर्वांचल न्यूज प्रिंट | आज आज सावन अधिक मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि, रेवती नक्षत्र, ध्रुति योग, तैतिल करण और रविवार है।  सूर्य देव को पूजना यश और कीर्ति लाता है। काम सफल होता है। राजनीतिज्ञों की तरक्की के लिए सूर्य की कुंडली मजबूत होना बहुत महत्वपूर्ण है।  ऐसा नहीं होता तो वे बड़े पदों पर नहीं आ सकते। सूर्य कमजोर होने पर पिता से संबंध खराब होते हैं। उनके पिता को उनकी कोई मदद नहीं मिलती। 

हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के जरिये ही समय और काल की सटीक गणना होती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना है। ये पांच अंग माने गए हैं, जो इस प्रकार हैं - तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। 

' माँ दुर्गा ज्योतिषीय संस्थान ' के ज्योतिषचार्य पंडित धर्मेंद्र दीक्षित से जानें विस्तृत पंचांग | 

6 अगस्त 2023, रविवार का पंचांग

आज  श्रावण :(अधिक) पंचमी

आज का नक्षत्र : रेवती

आज करण: तैतिल

आज का पक्ष:कृष्णा 

आज का योग : ध्रुति

वार :रविवार 

प्रत्यक्ष सिद्धि योग: 01:43 AM, अगस्त 7, 2007 से 05:46 AM, अगस्त 7, 2007

रवि योग:अगस्त 7, 2007 को 01:43 AM से 05:46 AM तक 

सूर्योदय से सूर्यास्त तक और सूर्यास्त से सूर्यास्त तक का समय


सूर्योदय- 06:12:00 पूर्वाह्न

सूर्योदय -07:18:00 बजे

चन्द्रोदय: 22:26:59 PM

चन्द्रास्त: 10:30 बजे

चंद्र : मीनराशि 

हिंदू मास और वर्ष


वर्ष 1945 शुभ

वर्ष 2080

दैनिक समय: 13:23:47

श्रावण मास का अमांत (अधिक)

मास पूर्णिमा-श्रावण (ज्यादा)

शुभ समय -12:00 से 12:53:36

अशुभ समय 

दुष्ट मुहूर्त 17:21:31 से 18:15:06 तक 

कुल मिलाकर, समय 17:21:31 से 18:15:06 तक

कंटक—10:12:50 से 11:06:25 तक

सूर्योदय: 17:40 से 19:18

कालवेला/अर्द्धयाम—12 :०० से 15 :36  तक

यमघण्ट का समय 13:47:11 से 14:40:46

यमगण्ड: 12:26:48–14:07:16

नियमित समय: 16:01 से 17:40

भद्रा: 05:20 AM से 05:46 AM तक

पंचक: दिन भर

🔷पंचांग के पांच अंग ये हैं 


तिथि

हिन्दू काल गणना के अनुसार 'चन्द्र रेखांक' को 'सूर्य रेखांक' से 12 अंश ऊपर जाने में जो समय बीतता है, वही तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में बंटी होती हैं। जहां शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और जबकि कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है।

तिथि के नाम- प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा तिथि होती है ।
 
नक्षत्र: आकाश मंडल में मौजूद एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त होता है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र,पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र। यह नक्षत्र क्रमवार नहीं लिखे गए हैं | 

वार: वार का मतलब  दिन से है। एक सप्ताह में सात दिन होते हैं। ये सात दिन ग्रहों के नाम पर रखे गए हैं - सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार। 

योग: नक्षत्र की भांति योग भी कुल 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम इस प्रकार है - विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।

करण: एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे में कुल 11 करण होते हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं - बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहा जाता हैऔर भद्रा में शुभ कार्य वर्जित हैं,मतलब अशुभ ।


🔷दिशा शूल (Disha Shul) : पश्चिम दिशा 

आज का मंत्र (Mantra in Hindi)


मंत्र : 'ॐ घृणिः सूर्याय नमः ' सूर्य चालीसा ' का पाठ करें |  मन्त्र का 108 बार जाप करें। 
आज का शुभ रंग - लाल 
आज के पूज्य देव - सूर्य भगवान 
आज का व्रत- रविवार व्रत 

  Jyotish Upay - आज के दिन (रविवार) सूर्य को जल दें व शाम के घी का दीपक जलाएं। सूर्य बीज मंत्र की जाप  करे ,हृदय स्त्रोत का पाठ लाभदायक होगा।  


🔷गुप्त मनोकामना की पूर्ति के टोटके : तांबे के चौकोर टुकड़े पर केसर लगाकर, गुलाबी वस्त्र में लपेटकर, पूर्व दिशा में जाकर सूर्यास्त के पश्चात निर्जन स्थान में दबा दीजिए। वापस लौटते समय मुड़कर नहीं देखना है।    

🔷विशेष तरीके:रविवार को सुबह स्नान करके लाल कपड़े पहनें। फिर तांबे के लोटे में जल भरें। उसमें गुड़, लाल चंदन और फूल डालें। ओम सूर्याय नम: मंत्र बोलकर सूर्य को जल से अर्घ्य दें। फिर सूर्य चालीसा या आदित्य हृदय स्तोत्र पढ़ें और उनकी आरती करें। रविवार को व्रत रहें तो फलाहार में नमक नहीं डालें। रविवार को व्रत करने से चर्मरोग में सुधार होता है। कुंडली में सूर्य दोष समाप्त हो जाता है। आज पूजा के बाद गेहूं, तांबा, लाल चंदन, वस्त्र और अन्य धातुओं का दान करना शुभ है।

( इस रिपोर्ट में फेमस व चर्चित किताबों के अध्ययन व प्रकांड ज्योतिषीय विद्वानों से बातचीत पर आधारित है। यह जानकारी / गणना / सामग्री या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। लेख किसी तरह के दावा का समर्थन नहीं करता है, यह मात्र एक साधारण जानकारी है, जो आप तक पहुंचाई गई है) | 

🔷सबसे विश्वसनीय पूर्वांचल का हिंदी न्यूज़ वेबसाइट पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट | For more related stories, follow: News in Hindi -👉 Facebook 👉Twitter  👉 Instagram 👉 Teligram.👉Google News. पोर्टल की सदस्यता ग्रहण करने के लिए Membership Plan देखें .