परिजन गर्भवती महिला को लेकर नजदीकी अस्पताल पीएचसी पहुंचे। रास्ते के बड़े-बड़े गड्ढे होने से एंबुलेंस उसे समय से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक न पहुंचा सका ।
फतेहपुर। परिवारीजनों ने गर्भवती को समय से अस्पताल पहुंचाने के लिए सरकारी एम्बुलेंस बुलाई, लेकिन सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे होने से एम्बुलेंस देर से पहुंची। गर्भवती को डिलीवरी के लिए अस्पताल पहुंचने में हुई देरी से उसकी मौत हो गई। लोग योगी सरकार के सड़कों की दुर्दशा को कोस रहे हैं |
यह मामला है असोथर थाना क्षेत्र के जरौली गांव का | यहां के रहने वाले देवेश कुमार मिश्रा की पत्नी बीना देवी को गुरुवार को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने सरकारी एम्बुलेंस को कॉल किया। जरौली से कौहन मार्ग बुरी तरह जर्जर होने पर एम्बुलेंस एक घंटे बाद पहुंच पाया । परिजन गर्भवती महिला को लेकर नजदीकी अस्पताल पीएचसी पहुंचे। रास्ते के बड़े-बड़े गड्ढे होने से एंबुलेंस उसे समय से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक न पहुंचा सका । इस दौरान महिला की हालत गंभीर हो गई। पीएचसी पहुंचने पर डॉक्टर ने हालतठीक न देखकर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
परिवार के लोगों ने जल्द जिला अस्पताल पहुंचने के लिए निजी वाहन बुक किया। जिला अस्पताल ले जाते समय गर्भवती की रास्ते में मौत हो गई। मृतका के पति ने कहा कि जर्जर सड़क के चलते उसकी पत्नी की मौत हो गयी है। मृतका के पति देवेश कुमार ने कहा कि क्षेत्रीय लोग लगातार जन प्रतिनिधियों से सड़क मार्ग को बनवाने के लिए मांग करते आ रहे लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है ।
34 किलोमीटर गाजीपुर से विजयीपुर मार्ग पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। गर्भवती की मौत के बाद गांव के लोगों में योगी सरकार के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। सड़क सुरक्षा समिति के संयोजक धर्मेंद्र दीक्षित ने कहा कि दो अक्टूबर तक अगर सड़क न बनी तो 25 गांव के लोग नरैनी के पास अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने को मजबूर हो जाएंगे।