सोनिया गांधी ने PM मोदी को लिखा पत्र, विशेष सत्र में 9 मुद्दों पर चर्चा की उठाई मांग

सोनिया गांधी ने PM मोदी को लिखा पत्र, विशेष सत्र में 9 मुद्दों पर चर्चा की उठाई मांग

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद के विशेष सत्र में 9 मुद्दों पर चर्चा की मांग की है| इसके लिए उन्होंने पीएम को पत्र भेजा है | 

सोनिया गांधी ने PM मोदी को लिखा पत्र, विशेष सत्र में 9 मुद्दों पर चर्चा की उठाई मांग
सोनिया गांधी ने PM मोदी को लिखा पत्र, विशेष सत्र में 9 मुद्दों पर चर्चा की उठाई मांग 

नई दिल्ली | कल मंगलवार को कांग्रेस संसदीय दल और विपक्षी गठबंधन INDIA की बैठक के बाद सभी नेताओं ने मिलकर विशेष सत्र में शामिल होने का निर्णय लिया था।इस बैठक में तय हुआ कि वे सत्र का बहिष्कार नहीं करेंगे और जनता के जरूरी मुद्दे भी उठाएंगे।


प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में सोनिया ने क्या लिखा ?


कांग्रेस नेता सोनिया ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री से कहा, "आपने 18 सितंबर से संसद का 5 दिवसीय सत्र बुलाया है। यह सत्र अन्य राजनीतिक दलों के बिना परामर्श के बुलाया गया है। किसी के पास इसके एजेंडे के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध है।"

सदन में चर्चा के लिए 9 मुद्दों को सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे पूरी उम्मीद है कि इन मुद्दों पर चर्चा के लिए आपके द्वारा उचित नियमों के तहत समय आवंटित किया जाएगा।"

 किसानों के मुद्दे और बढ़ती महंगाई पर हो चर्चा 

कांग्रेस का यह भी मुद्दा है कि सत्र के दौरान सरकार किसान संगठनों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और अन्य मांगों को पूरा करने पर चर्चा कराए ।
सदन में सबसे पहले आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों, आर्थिक असमानता में वृद्धि के अलावा महंगाई, बेरोजगारी, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) की परेशानियों को लेकर मौजूदा आर्थिक स्थिति के मुद्दे पर चर्चा की जाये है। 

 अडाणी समूह मामले पर सत्र में चर्चा की भी मांग

कांग्रेस का तीसरा मुद्दा यह है कि सरकार सत्र में अडाणी समूह पर लगे वित्तीय अनियमिताओं के आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन करे और सदन में इस पर भी चर्चा कराई जाए।कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना है कि पिछले 6 महीनों से विपक्ष लगातार अडाणी समूह से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं की रिपोर्ट्स सामने आने के बाद JPC गठित करने की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार इस मामले में चर्चा से भाग रही है | 

 कांग्रेस के एजेंडे में हरियाणा और मणिपुर में हुई हिंसा भी 

कांग्रेस का यह चौथा मुद्दा है जिसमें मणिपुर हिंसा को लेकर सदन में चर्चा की मांग की गयी है , साथ ही हिंसाग्रस्त राज्य में पीड़ित लोगों के पुर्नवास और राहत कार्यों के अलावा शांति स्थापना को लेकर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर भी चर्चा होनी चाहिए।

कांग्रेस का यह पांचवां मुद्दा है कि बीते दिनों में हरियाणा में भड़की सांप्रदायिक हिंसा और अन्य राज्यों में इससे उपजे सांप्रदायिक तनाव को लेकर भी सदन में चर्चा कराई जाए।

 भारत-चीन मुद्दे और जातीय जनगणना पर भी हो बहस 

कांग्रेस का यह छठा मुद्दा है कि चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर किये जा रहे कब्जे और लद्दाख के अलावा अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर देश की संप्रभुता को चुनौती दिए जाने के मुद्दे पर विशेष सत्र में चर्चा अवश्य होनी चाहिए।

कांग्रेस ने सातवां मुद्दा जातीय जनगणना को उठाते हुए कहा है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और वंचितों को केंद्रीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है, इसलिए सत्र में जातीय जनगणना पर चर्चा तत्काल आवश्यक कराई जाए ।

 चर्चा हो केंद्र और राज्यों के बिगड़ते संबंधों पर भी जरूरी 

कांग्रेस की आठवीं मांग केंद्र और राज्य के संबंधों को पहुंचाए जा रहे नुकसान पर चर्चा की है। कांग्रेस नेता जयराम का आरोप है कि केंद्र द्वारा लगातार संघीय ढांचे पर हमला हो रहा है और गैर-भाजपा शासित राज्यों के संवैधानिक अधिकार छीने जा रहे हैं।

प्राकृतिक आपदाओं पर भी सदन में होनी चाहिए चर्चा

कांग्रेस की अंतिम नौवीं मांग यह है कि अत्यधिक बाढ़ और कुछ राज्यों में सूखे के कारण काफी नुकसान हुआ है और इन प्राकृतिक आपदाओं पर भी सदन में चर्चा होनी चाहिए।

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