एक नई पायलट प्रोजेक्ट के तहत हाल ही में जापान में अब स्मार्टफोन की तरह लोग अपने इलेक्ट्रिक गाड़ियों को भी वायरलेस तरीके से अपनी गाड़ी चार्ज कर सकेंगे |
Purvanchal News Print : इंडिया में Electric Vehical की डिमांड लगातर बढ़ती ही जा रही है| वजह पेट्रोल और डीज़ल के दामों में वृद्धि का होना । दुनिया भर में लाखों की संख्या में लोग लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इस्तेमाल करने लगे हैं |
इसी को देखते हुए , इलेक्ट्रिक गाड़ियों के चार्ज करने के तरीके पर भी एक्सपेरिमेंट हो रहे है । हाल ही में जापान में एक नई पायलट प्रोजेक्ट शुरु किया गया है, जिसके तहत अब स्मार्टफोन की तरह लोग अपने इलेक्ट्रिक गाड़ियों को भी वायरलेस तरीके से अपनी गाड़ी चार्ज कर सकेंगे।
जापान ने इस नए प्रोजेक्ट का इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार करना शुरू कर दिया है , जिसके द्वारा सड़क के किनारे गाड़ियों को बिना किसी तार से कनेक्ट किये बिना चार्ज हो सकता है। ट्रैफिक लाइट्स की मदद से सड़क पर चल रही इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करने की टेक्नोलॉजी पर काम शुरू है, ऐसा बताया जा रहा की इस टेक्नोलॉजी से लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी और उनका समय भी बचेगा।
कैसे काम करती है ये टेक्नोलॉजी
टोक्यो विश्वविद्यालय के मुताबिक,अगर कोई इलेक्ट्रिक वाहन ट्रैफिक सिग्नल पर लगे कॉइल के पास से 10 सेकंड में गुजरता है तो कार को तकरीबन 1 किमी (0.6 मील) की रेंज मिल जाती है | इस हिसाब से कार को एक मिनट में तकरीबन 6 किमी की रेंज मिलना तय है , और साथ किसी भी बड़े शहर में 6 किमी की दूरी के बीच कम से कम 2 ट्रैफिक सिग्नल अवश्य ही होता है |
ऐसे में इस तकनीक से Electric वाहन को पर्याप्त रेंज मिलेगी, जिससे वो अपने मंजिल तक पहुंच सकेगा । यह भी बताया जा रहा की वायरलेस चार्जिंग के लिए electric गाड़ियों की रफ़्तार धीमी होनी चाहिए जो आमतौर पर ट्रैफिक सिग्नल के पास ऐसा होता ही है।
आखिर रोड से गाड़ियों को करेंट कैसे मिलेगा ?
अब आपके मन में सवाल आ गया होगा की आखिर रोड से गाड़ियों को करेंट कैसे मिलेगा? ऐसे में आपको बता दें इसके लिए टोक्यो विश्वविद्यालय ने इन-मोशन बिजली सप्लाई सिस्टम को बनाया है। इस सिस्टम के तहत प्रीकास्ट चार्जिंग कॉइल्स को ट्रैफिक लाइट के सामने सड़क की सतह में जोड़ा गया है, जिससे वायरलेस चार्जर से करंट गुजरता है, जब सड़क पर किसी इलेक्ट्रिक वाहन के चलने का पता चलता है।
बताया जा रहा की सड़क से करंट को electric गाड़ियों तक पहुंचाने के लिए वाहनों के टायरों में एक डिवाइस को लगाया गया है। यह डिवाइस ट्रैफिक सिग्नल से निकलने वाले इलेक्ट्रिसिटी को electric गाड़ियों के बैटरी तक पंहुचा कर चार्ज शुरू कर देता है।