Crime : नौकरी के नाम पर महिलाओं को लूटने वाला ठग गिरफ्तार

Crime : नौकरी के नाम पर महिलाओं को लूटने वाला ठग गिरफ्तार

धानापुर पुलिस ने ऐसे ठग को पकड़ा जो नौकरी के नाम पर महिलाओं को ठग का काम करता था। पकड़े गए ठग के पास से 43 हजार नगदी तमंचा और करीब ढ़ाई लाख के आभूषण के साथ बाइक बरामद किया गया है। 

मुख्य बातें:- 

चार साल की सजा काटकर जेल से लौटा फिर पहुंचा जेल
आभूषण लूटने के बाद पांच सौ रुपए भाड़ा देकर होता फरार 
चार मुकदमा वाराणसी में, दो चंदौली में दर्ज

सकलडीहा, चंदौली। मंगलवार को धानापुर पुलिस ने ऐसे ठग को पकड़ा जो नौकरी के नाम पर महिलाओं को ठग का काम करता था। पकड़े गए ठग के पास से 43 हजार नगदी तमंचा और करीब ढ़ाई लाख के आभूषण के साथ बाइक बरामद किया गया है। 


बुधवार को सीओ कार्यालय में जालसाज को पेश किया गया। जहां से सीओ राजेश कुमार राय द्वारा पूछताझ के बाद जेल भेज दिया गया। पकड़ा गया आरोपी चार साल की जेल की सजा काटकर बाहर आया था।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सूरज शमीम उर्फ सूरज यादव  वाराणसी के मडुवाडीह डीएलडब्ल्यू जलालीपट्टी को रहने वाला है। वर्तमान में बलुआ थाना क्षेत्र के निधौरा अपने ससुराल में रहता था। आरोप है कि महिलाओं के आभूषण देखकर उनका पैर छूकर आर्शिवाद लेते हुए झांसे में ले लेता था। फिर नौकरी दिलाने के नाम पर सारे आभूषण लेकर रफ्फू चक्कर हो जाता था। 


बीते तीन नवंबर को धानापुर के पूराचेता दूबेपुर की निवासी उमरावती देवी को सकलडीहा कचहरी में नौकरी दिलाने के नाम पर आभूषण लेकर फरार हो गया था। पुलिस मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश में जुटी थी। इसी बीच मंगलवार को  मुखबिर की सूचना पर आरोपी को धानापुर क्षेत्र के एक स्कूल के समीप से अपाचे गाड़ी के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।

 पकड़े गये आरोपी के पास से एक देशी तमंचा, एक अदद जिंदा कारतूस और 43 हजार नगदी सहित करीब ढ़ाई लाख के आभूषण बरामद किया है। सीओ राजेश कुमार राय ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी शातिर किस्म का जालसाज है। नौकरी दिलाने के नाम पर महिलाओं को गुमराह कर विश्वास में लेते हुए सारे आभूषण चुराकर भाग जाता था। इसके खिलाफ सकलडीहा कोतवाली से लेकर वाराणसी में कई मुकदमा दर्ज है। गिरफ्तारी टीम में थानाध्यक्ष प्रशांत सिंह, दरोगा शिवबाबू यादव राकेश यादव,सिपाही ओमप्रकाश प्रचेता, सर्वेश व प्रियेश रहे।

आभूषण लूटने के बाद पांच सौ रुपए भाड़ा देकर होता फरार 

ठग सूरज शमीम कभी कमिश्नरी कार्यालय, तो कभी रेलवे तो कभी तहसील में नौकरी दिलाने के नाम पर महिलाओं का आभू्षण उतरवा देता था। कहता था कि गरीब बनकर चलेगी तो अधिकारी भी रहम करेगा। इस लिये सारे आभूषण निकलवाकर एक बैग में रखवाता था। जाने से पहले महिलाओं को पांच सौ रुपए देकर फरार हो जाता था।

चार मुकदमा वाराणसी में, दो चंदौली में दर्ज
ठग  के खिलाफ 2015 में लंका थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। वर्ष 2017 में कैंट वरूण कमिशनरेट वर्ष् 2023 में काशी कोतवाली, सकलडीहा, सारनाथ और धानापुर में दर्ज हुआ था मुकदमा।

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