IPF और मजदूर किसान मंच की टीम ने किसानों से मुलाकात की और किसानों की सिंचाई समस्या को लेकर योगी जी सरकार के नाम खुला पत्र जारी किया |
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चंदौली में रजवाहा, अल्पिकाओं और माइनरों से सिल्ट सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूरी |
आईपीएफ नेता अजय राय ने जन प्रतिनिधियों व सत्ताधारी नेताओं पर अपने चहेते ठेकेदारों को काम देने का आरोप लगाया
चकिया, चंदौली। जिले में कर्मनाशा नहर से निकलने वाले रजवाहा/माइनर/अल्पिकाओं के सिल्ट की सफाई/स्क्रैपिंग का कार्य प्लाट 1 से 46 तक किया जा रहा है, जबकि चन्द्रप्रभा नहर प्रणाली से निकलने वाले मुख्य नहर/रजवाहो/अल्पिकाओं के सिल्ट की सफाई/स्क्रैपिंग का कार्य भी किया जा रहा है। बाहर। फसल वर्ष रवि 1431 में 2023 से 24 तक किया जा रहा है। लॉट नंबर 1 से लॉट नंबर 58 तक कीचड़ की सफाई/स्क्रैपिंग का काम किया जा रहा है। लेकिन केवल खानापूर्ति है!
कई जगहों पर गाद सफाई/स्क्रैपिंग के नाम पर तो कहीं घास-फूस हटाने पर पैसा बर्बाद किया जा रहा है | सिल्ट स्क्रैपिंग के नाम पर अपने चहेते ठेकेदार को ठेका देने की सिफ़ारिश के आधार पर सत्ताधारी दल द्वारा विधान सभा स्तर पर सारा कार्य कराया जा रहा है और उसका निर्धारित कमीशन विधान सभा स्तर पर एक विशेष जन प्रतिनिधि द्वारा ले लिया गया है |जो चर्चा का विषय बन गया और नाम उजागर न करने की शर्त पर सिंचाई विभाग के कर्मचारी और ठेकेदार भी यही कहते हैं! खैर, जो भी हो, सफाई और गाद निकालने के नाम पर कई जगहों पर घास हटाई जा रही है।
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आईपीएफ नेता ने लगाया आरोप |
IPF प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य और मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने यूपी के मुख्यमंत्री को खुला पत्र जारी कर किसानों का मुद्दा उठाया है. जैसे चंद्रप्रभा, माइनर और रजवाहा नहर की सफाई, धान खरीद की पूरी व्यवस्था, माइनर नहर की मरम्मत और फसलों का उचित मूल्य, कर्ज माफी और गांवों में मनरेगा के तहत मजदूरों को काम, कर्मनाशा नहर से निकलने वाली माइनर/रजवाहा की सिल्ट। उन्होंने सत्ता में बैठे लोगों से जुड़े ठेकेदारों द्वारा कार्यों में खुलेआम धोखाधड़ी और डिस्मेंटल के नाम पर खानापूर्ति बंद करने की मांग की।
उन्होंने किसानों की ओर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को खुला पत्र जारी कर कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने का दिखावा करती है! आपकी सरकार में हर विभाग और जन प्रतिनिधि का कमीशन बढ़ गया है! (ठेकेदार के अनुसार, जो नाम न छापने की शर्त पर बोलता है) यही कारण है कि काम हर जगह विफल हो रहा है।
यदि गेहूं की बुआई के समय छोटी नहर की सफाई करा दी जाए तथा धान की बुआई के समय छोटी नहर की सफाई व मरम्मत करा दी जाए तो किसानों के खेतों तक पानी आसानी से पहुंच सकता है, लेकिन सफाई व मरम्मत के अभाव में किसान जुड़े हुए हैं। जनकपुर माइनर में खेती नहीं हो सकी। यही स्थिति पचवनिया उतरौत माइनर की भी रही, जिससे उतरौत के कई गांवों के किसान धान की खेती नहीं कर पा रहे हैं। शिकारगंज माइनर नहर जगह-जगह क्षतिग्रस्त है और कूड़े-कचरे व घास से पटी हुई है। भड़सर व मानिकपुर में किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है।
अब इतने दिनों बाद यह साफ हो गया है कि मोदी योगी जी की सरकार में आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार और योगी सरकार भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ है तो उनकी सरकार में कोई भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार नहीं होगा. घरेलू पूंजी कैसे बढ़ी? मोदी योगी सरकार ने किसानों के हित में अब तक कौन सी नीतियां लागू की हैं? आपकी सरकार में सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या क्यों करते हैं? हर विभाग और हर जगह नौकरियाँ क्यों जा रही हैं? विकास अवरुद्ध क्यों है? उन्होंने कहा कि मोदी योगी सरकार की किसान विरोधी नीतियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ IPF और मजदूर किसान मंच के साथ मिलकर आंदोलन चलाएंगे|