वाहन चालकों को 10 साल की सजा व जुर्माना देने के प्रावधान पर भड़के वामदल ,चालकों की मांग का किया समर्थन

वाहन चालकों को 10 साल की सजा व जुर्माना देने के प्रावधान पर भड़के वामदल ,चालकों की मांग का किया समर्थन

चालकों द्वारा की गई राष्ट्रीय हड़ताल पर माकपा ,ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट , किसान सभा , मजदूर किसान मंच ने चालकों की मांग का समर्थन किया व चकिया SDM के मार्फत राष्ट्रपति महोदया के नाम ज्ञापन दिया | 

वाहन चालकों को 10 साल की सजा व जुर्माना देने के प्रावधान पर भड़के वामदल ,चालकों की मांग का  किया समर्थन

मुख्य बातें :-
● चालकों की  मांग पूरी करने को ले राष्ट्रपति महोदया के नाम ज्ञापन चकिया उपजिलाधिकारी के मार्फत दिया

● माकपा, आईपीएफ , भाकपा , मजदूर किसान मंच और किसान सभा ने चालकों की मांग का किया समर्थन

● चालक विरोधी कानून को वापस लिया जाए, नई बनाई गई संहिताओं को देश के ऊपर थोपने का आरोप 

● जनता को हुई परेशानी के लिए दिल्ली बैठी केंद्र सरकार जिम्मेदार

चकिया, चन्दौली |  केंद्र सरकार द्वारा लाई भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) के तहत वाहन चालकों को 10 साल की सजा व जुर्माना देने के प्रावधान के खिलाफ चालकों द्वारा की गई राष्ट्रीय हड़ताल पर माकपा ,ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट , किसान सभा , मजदूर किसान मंच ने चालकों की मांग का समर्थन किया  व चकिया उपजिलाधिकारी के मार्फत राष्ट्रपति महोदया के नाम ज्ञापन दिया | 

 चालकों की हड़ताल के कारण नागरिकों को हुई दिक्कत के लिए माकपा व आईपीएफ ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।  प्रतिनिधि मंडल के नेताओं  ने कहा कि जिस तरह से मोदी सरकार ने संसद में विपक्ष को बेदखल कर और बिना विधिक संस्थाओं से राय लिए देश के ऊपर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता को तानाशाही के साथ थोपा है उसी का परिणाम चालकों में पैदा हुआ यह गुस्सा है। 

भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 में दुर्घटना का वर्गीकरण भी नहीं किया गया है। ड्राइवर की लापरवाही या गलती की प्रकृति भी नहीं निर्धारित की गई है। ऐसे में हर दुर्घटना में ड्राइवर को 10 साल की सजा हो जाएगी। जिसे बेहद कम वेतन पर काम करने वाले ड्राइवरों के लिए काम करना ही मुश्किल हो गया है। इसलिए केंद्र सरकार को भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) में संशोधन कर चालकों की मांग को पूरा करना चाहिए। 

साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इन नई बनाई गई संहिताओं को देश के ऊपर थोपने से पहले इस पर लॉ कमीशन जैसे विधिक संस्थानों से राय लेकर ही इसे लागू करना चाहिए।

प्रतिनिधि मंडल में माकपा जिला सचिव शम्भु नाथ यादव , आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय , अखिलेश दूबे ,अखिल भारतीय किसान सभा के जिला मंत्री लालचंद यादव , भाकपा  जिला सचिव शुकदेव मिश्रा ,नंदलाल राम सहित कई नेता शामिल रहें ।


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