अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के शुभ अवसर पर शहर के 124 घरों में किलकारियां गूंजीं, जिस पर परिवार वालों ने दोगुना जश्न मनाया |
लखनऊ | अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के शुभ अवसर पर शहर के 124 घरों में किलकारियां गूंजीं। जिस पर परिवार वालों ने दोगुना जश्न मनाया| किसी ने राम तो किसी ने सीता, सिया, जानकी और बैदेही नाम रखा।
राजधानी में कई प्रसूताएं जिनका प्रसव 22 जनवरी के आसपास होना था। उन्हें डॉक्टरों से इसी दिन प्रसव कराने की इच्छा जताई थी। जिस पर उनकी जरूरी जांचे कराने के बाद डॉक्टर प्रसव कराने को राजी हुए।
हालाँकि, कुछ माँएँ ऐसी भी थीं जिन्होंने इस दिन बिना किसी प्रयास के बच्चे को जन्म दिया। सोमवार को अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के अवसर पर लोहिया, डफरिन, झलकारीबाई, क्वीन मैरी सहित अन्य निजी अस्पतालों और नौ ग्रामीण और आठ शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में लगभग 124 प्रसव हुए। इनमें सिजेरियन और नॉर्मल डिलीवरी शामिल हैं। आलमबाग निवासी साधना ने अवंतीबाई महिला अस्पताल में बेटी को जन्म दिया है।
परिवार ने बेटी का नाम सीता रखा है। उनका कहना है कि बेटी होने से सभी खुश हैं। शाहजहाँपुर की रहने वाली रोशनी ने भी अवंतीबाई अस्पताल में बेटी को जन्म दिया। उन्होंने अपनी बेटी का नाम जानकी रखा है| रोशनी ने बताया कि जानकी उनकी पहली बेटी है. इसके अलावा उदयगंज निवासी संगीता ने झलकारीबाई अस्पताल में बेटे को जन्म दिया है।
परिवार ने उनका नाम राम रखा है. डॉक्टरों ने संगीता की डिलीवरी की तारीख 27 जनवरी दी थी, लेकिन उनकी इच्छा के मुताबिक आज डिलीवरी हुई। परिवार वालों का कहना है कि आज ही के दिन हमारे भगवान को उनका महल मिला था. बेटे का नाम राम इस उद्देश्य से रखा गया है कि उसमें राम जैसे गुण विकसित हों। मोहनलालगंज की स्मिता यादव की एक बेटी है। उन्होंने बताया कि पहले से ही इच्छा थी कि इस दिन बच्चे का जन्म हो |
डॉक्टर ने दस दिन बाद की तारीख दी थी। डॉक्टर के इच्छा जताने के बाद डिलीवरी हुई. परिजनों ने बताया कि बेटी का नाम सीता रखा गया है. वहीं स्कूल में सीता का नाम वैधी रखा जाएगा | अमीनाबाद निवासी वैष्णवी सिंह की एक बेटी है। उनकी पहले से ही एक बेटी है | पति नीलेश रघुवंशी ने बताया कि दोनों बेटियों का नाम श्रीराम के अस्त्र-शस्त्र के नाम पर आस्त्रिका-शास्त्रिका रखा गया है। आज एक बहुत ही खास दिन है।
दोहरी खुशी का माहौल है| डॉक्टर ने डिलीवरी की तारीख 25 जनवरी के बाद की बताई थी। बालागंज निवासी प्रियंका चौरसिया की एक बेटी है। पति नीरज चौरसिया ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि आज हमारी बेटी हुई है | डॉक्टर ने डिलीवरी की तारीख टाल दी थी, लेकिन मैं और मेरी पत्नी चाहते थे कि बच्चा 22 जनवरी को पैदा हो। इसलिए हमने सिजेरियन डिलीवरी की।