हर वर्ष होने वाले उर्स के मौके पर हिंदू-मुस्लिम एकता आपसी भाईचारा व प्रेम देखने को मिलता है, जो आज तक कायम है । रात्रि में शिबा परवीन कानपुर, शाहरुख साबरी गया बिहार कव्वालों के बीच शानदार मुकाबला हुआ।
सैयदराजा / चंदौली | स्थानीय नगर में । इस अवसर पर सुबह कुरान ख्वानी मसलहुद्दीन वारसी के आवास से कव्वालों के साथ चादर उठकर पूरे कस्बे में घूमता हुआ पुनः उनके आवास पहुंचकर चादर गागर के साथ कव्वाल दरगाह शरीफ पर पहुंचे। जहां गुसल के पश्चात चादर पेश किया गया।
दरगाह शरीफ पर आए हुए मुख्य अतिथियों का कमेटी के लोगों द्वारा पगड़ी बांधकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सदारत कर रहे प्रभारी निरीक्षक सत्यनारायण मिश्रा ने कहा कि यह नगर पंचायत सैयदराजा सैयद हामिद रजा रहमतुल्लाह अलैह की बसाई हुई बस्ती है आप ही के नाम से इस कस्बे का नाम पड़ा |
हर वर्ष होने वाले उर्स के मौके पर हिंदू-मुस्लिम एकता आपसी भाईचारा व प्रेम देखने को मिलता है। जो आज तक कायम है । रात्रि में शिबा परवीन कानपुर, शाहरुख साबरी गया बिहार कव्वालों के बीच शानदार मुकाबला हुआ।
जहां दोनों कव्वालों ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश किए शाहरुख साबरी कव्वाल ने कहा
नामें मोहम्मद अर्श पर लिखा कलकल भी था और आज भी हैसब नबियों में आला रुतबाकल भी था और आज भी हैअर्श पर उनका आना-जानाकल भी था और आज भी है।
शिबा परवीन कव्वाल ने कलाम पेश करते हुए कहा कि
ऐसी फिजा बनाओ देशवासियोंहिंदू का घर जले तो मुसलमान रो पड़े |छोड़ फिक्र दुनिया कीचल मदीने चलते हैं
मुस्तफा गुलामों की किस्मतें बदलते हैं इस कलाम को लोगों ने खूब सराहा | ,कव्वाल के इस कलाम से खुश होकर श्रोताओं ने कव्वाल को इनाम से खूब नवाजा पूरी रात कव्वाली का सिलसिला चलता रहा और पूरी रात दरगाह पर आने वाले जायरीनों का ताॅता लगा रहा।
शाहरुख साबरी ने कलाम पेश करते हुए कहा
सच बता क्या है तेरे हाथों मेंसब तो परवर दिगार करता हैमैं कर लूं घर बार मदीने मेंरहते हैं रसूलो के सरदार मदीने मेंया रब ऐसा भी सफर लिख देसेहरी करूं मक्के में इफ्तार मदीने में
इस अवसर पर पूर्व सभासदगण सगीर अहमद, सिद्दीकी, नसीम अंसारी गुलाम गौस सिद्दीकी, नथुनी राइन नौशाद सिद्दीकी,अफरोज हाशमी, शेख हमीद , प्रबंधक सुशील कुमार शर्मा अंकित जायसवाल, अमित वर्मा सभासद गण शिवा साव, गुलजार वारसी, इस्तखार उर्फ बाबू , नामवर प्रसाद शाह आलम उर्फ बबलू सिद्दीकी, पत्रकार सलीम हाशमी शेख सद्दाम शेख कौसर अतर अली वारसी आदि काफी लोग मौजूद रहे।