चंदौली की दशा सुधारने की जगह नाम बदलने की सियासत क्यूं ! : अजय राय

चंदौली की दशा सुधारने की जगह नाम बदलने की सियासत क्यूं ! : अजय राय

मायावती की सरकार ने वाराणसी जनपद को काटकर नया जनपद चंदौली सबसे पहले  बनाया था लेकिन फिर बाद में  मुलायम की सरकार बनी तो चंदौली जनपद को खत्म कर वाराणसी जनपद कर दिए गए | अब बीजेपी नाम बदलने की सियासत करने वाली है ! 

चंदौली की दशा सुधारने की जगह नाम बदलने की सियासत क्यूं ! : अजय राय
चंदौली की दशा सुधारने की जगह नाम बदलने की सियासत क्यूं ! : अजय राय


चंदौली | आईपीएफ नेता अजय राय ने सत्ताधारी नेताओं से चंदौली जिले की नामांकरण की जगह आदिवासियों के लिए लागू वनाधिकार कानून लागू करा कर पट्टा दिलाने , गुणवत्तापूर्ण सड़क ,शिक्षा , भ्रष्टाचार में लिप्त व अभाव ग्रस्त जिला अस्पताल , बिना मुआवजे व  कम मुआवजा पर भूमि अधिग्रहण , जर्जर नहर माइनर , गांव  व शहरों के विकास और आधुनिक रोडवेज बस स्टैंड पर ध्यान देने की सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों को जरूरत बताया है | 

मायावती की सरकार ने वाराणसी जनपद को काटकर नया जनपद चंदौली सबसे पहले  बनाया था लेकिन फिर बाद में  मुलायम की सरकार बनी तो चंदौली जनपद को खत्म कर वाराणसी जनपद कर दिए गए | जब पुनः मायावती की उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ हुई तो चंदौली जनपद को पुनः बना दिया | 
अब चंदौली जनपद का स्थाई रूप से हो गई तो सत्ता पद के सांसद, दो विधायक इसके नामांकरण को लेकर सियासत में हवा दे रहे हैं  |  

 

उपरोक्त रिपोर्ट ,मुगलसराय के विधायक रमेश जायसवाल जी'  के ' व्हाट्सप्प स्टेटस ' से 


आईपीएफ नेता अजय राय ने कहा कि सबसे पहले मंत्री व चंदौली के सांसद, वाराणसी देहात हो चंदौली जनपद का नाम कह कर सियासत को नई हवा दिए| उनके एक विधायक सिद्ध पुरुष बाबा कीनाराम के नाम पर चंदौली जिला का नामांकरण की बात का कर रहे हैं तो वहीं दूसरे विधायक वह भी जो सत्ता से ही जुड़े हैं वाराणसी गंगा पार नामांकरण की बातें कर रहे हैं | कुल लब्बोलुआब यह है कि यह सत्ता पर से जुड़े जनप्रतिनिधि चंदौली जनपद की नामांकरण पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं और चंदौली जनपद की दशा, यहां के निवासियों की समस्याओं पर चिंतित न के बराबर है | 

सबसे पहले सवाल नौगढ़ से उठा रहे हैं कि वन अधिकार कानून अगर जनपद में लागू हो जाती है तो हजारों आदिवासियों को जो जंगल में पुश्तैनी निवास करते हैं उनको मालिकाना हक मिल जाता वहीं वाराणसी जनपद से हटाने जोड़ने के चक्कर में हजारों कोल जाति को जिनको जनजाति का दर्जा नहीं मिल पाया | जिसके कारण आज भी तमाम तरह की समस्याओं से वह जूझ रहे हैं | डबल इंजन की भाजपा की सरकार जो भी विकास की बातें करें लेकिन नौगढ़ के गांव में अभी तक समुचित पेयजल की भी व्यवस्था तक नहीं हो पाई है | ना ही अन्य विकास की योजनाएं धरातल पर दिखाई देती है | 

 चंदौली जनपद में सैकड़ो बंधे बंधिया होने के बावजूद भी उनकी मरम्मत ना हो पाने के कारण किसानों को सिंचाई के लिए पानी  के अभाव  उनके खेतों में समय से पानी नहीं मिल पाती है ! नतीजा उनके फैसले सुख जा रही है ! रोजगार की जब हम बात करें तो यहां कोई  कल कारखाने न होने के कारण नौजवानों को रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं | 


 आईपीएफ नेता अजय राय ने कहा कि सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि को चिंतित होना चाहिए  कि सरकार के द्वारा जो मनरेगा मजदूरों को काम देने की बात की जाती है वह भी लगभग उन मजदूरों को मनरेगा के तहत काम नहीं मिल पा रहा है | नवंबर माह से कोई भी मजदूरी का अभी तक  मजदूरी भुगतान नहीं हुआ है! इसके लिए मजदूरी की भुगतान को लेकर के कभी भी कोई जनप्रतिनिधि इस सवाल को ना तो उठा पा रहे हैं और नहीं शासन के समक्ष रख रहे हैं | 

नौगढ़ का सरकारी अस्पताल रेफरल बन गया है | जर्जर रोडवेज बस स्टैंड ,जर्जर पंप कैनाल नहरें - माइनर  ,पीडीडीयू नगर की सड़के सहित तमाम गांव से जोड़ने वाली सड़कें भी बदहाल स्थिति में है | चंदौली जनपद के सभी जिला चिकित्सालय अस्पताल भ्रष्टाचार के चपेट में है ना तो वहां डाक्टर के अभाव में रोगों का इलाज हो पता है और ना ही उनकी समुचित जांच हो पाती है ! इन सारे सवालों पर जनप्रतिनिधियों का ध्यान ना के बराबर है और इस सत्ता पक्ष के जुड़े हुए जनप्रतिनिधि नामांकरण की बातें उठाकर के जनता को ध्यान को भटका रहे हैं | 

 यहां बदहाल काशीराम शहरी आवास दलगत राजनीति का शिकार है |  वहां के निवासियों का जीवन नर्क बन गया है | चंदौली जनपद में सरकार की बहुचर्चित जल मिशन योजना अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई है  |  लंबे समय से प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना बंद है | गांव में लगभग आवास योजना नहीं जा पा रहीं  या जा भी रहीं हैं तो एका - दुक्का , मनरेगा से कराए गए पक्का का काम का पैसा वर्षों से उनकी भुगतान नहीं हो पाया है! वहीं नहर माइनर के सफाई पर आया धन केवल कोरमा पूर्ति के लिए आ रहा है | 

 दूसरी तरफ जिला मुख्यालय की अगर बात करें तो जिला जेल बनने का सपना पूरा नहीं हो पाया है! जिला मुख्यालय भी अभी तक अपना स्थाई  रूप तो नहीं ग्रहण कर पाया  हैं  ,मेडिकल कॉलेज राजकीय  हैं या पीपी मोड का होगा यह भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है | क्योंकि विभागीय पत्राचार देखने से लगता हैं कि पीपी मोड पर बन रहा हैं ,दूसरी तरफ पूरा जनपद में कमीशन खोरी विकास कार्यों में बढ़ी हैं | 

यह चर्चा का विषय बना हुआ  हैं | चंदौली जनपद के लोग की समस्या पर ध्यान देने की जगह विकास योजनाओं को लागू करवाने, योजनाओं बनाने की जगह और विधायक निधि से गांव का नगरों का विकास बेहतर तरीके से हो सके , आधुनिक रोडवेज बस स्टैंड और शहाबगंज में पॉलिटेक्निक कॉलेज जिसको मायावती जी के सरकार में बनवाया गया था लेकिन अभी तक वह चालू नहीं हो पाया , इसी ब्लॉक अंतर्गत एक अस्पताल जो कई लाख रुपए से बना हुआ है , उस पर किसी का ध्यान नहीं जा पा रहा है | 

अभी भी गांव में स्कूल तक जाने के लिए बच्चों को सड़क तक मुहैया नहीं है | जिसका स्पष्ट उदाहरण देख सकते हैं  गरला स्कूल पर जाने के लिए बरसात के दिनों में बच्चों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है | इसलिए इन सारे समस्याओं पर यह जनप्रतिनिधि ध्यान दें, ना की नामकरण पर |  चंदौली का वाराणसी देहात बनाने पर जोर दे,  न वाराणसी गंगा पार पर जोर दें, न सिद्ध पुरुष बाबा कीनाराम के नाम पर रखने पर ध्यान दें, क्योंकि यहां के लोग की नामांकरण  करने से लोगों की समस्या का हल नहीं होने जा रहा है | 

आईपीएफ नेता अजय राय ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से उम्मीद करता हूं और इन जनप्रतिनिधियों से भी है उम्मीद करता हूं कि यहां के लोगों की जो समस्या है उसे समस्याओं पर ध्यान दें | विकास कार्य गांवों में नहीं जा पा रहा है, इस समस्या का हाल होना चाहिए | 

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