जनपद में जब रोजगार की बहार हैं तो जिला प्रशासन को निवेशकों का भी खुलासा करना चाहिए | कल से मुगलसराय में एजेण्डा यूपी पर आंदोलन चलाने के लिए बैठक होगी |
जनपद में रोजगार देने वाले निवेशकों का खुलासा करें जिला प्रशासन : आईपीएफ
उद्योग मंत्रालय चंदौली एमपी के पास होने बाद भी जनपद में एक भी सरकारी उद्योग क्यूं नहीं ?
चंदौली | जनपद में जब रोजगार की बहार हैं तो जिला प्रशासन को निवेशकों का भी खुलासा करना चाहिए | क्योंकि, यह सरकार सरकारी नौकरी देने व रोजगार के लिए खाली पदों को भरने से पीछे हट रही हैं, इसलिए सरकार यहां के नौजवानों को निवेशकों के हवाले कर देना चाहती है | भारी उद्योग मंत्रालय होने के बावजूद जनपद में सरकारी उद्योग नहीं लगा रहें हैं | आईपीएफ के राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ' पूर्वांचल न्यूज प्रिन्ट ' से खास बातचीत में कही
है |
आज मोदी - योगी सरकार के राज में आजिविका पर संकट आ गया है | बेतहाशा बढ़ती मंहगाई ने लोगों को जिन्दा रहना मुश्किल कर दिया है | एक तरफ यह सरकार किसानों को मारने पर तुली है वहीं मजदूरों के खिलाफ भी चार लेबर कानून लाकर उनके अधिकारों पर हमला कर रहीं हैं | अभी कल छ: महीने के लिए हड़ताल करने पर पाबंदी लगाकर पूरी तरह से गलत किया हैं, क्योंकि मजदूर बहुत मजबूरी में हड़ताल करते हैं | आईपीएफ की तरफ से यूपी 2023- 24 एजेंडा यूपी टीम चलायी जा रहीं हैं|
उन्होंने कहा कि एजेंडा यूपी में प्रमुख रूप से हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की गारंटी, प्रदेश में रिक्त पड़े 6 लाख पदों को तत्काल भरने, दलित-आदिवासी-अति पिछड़े, भूमिहीन व गरीब परिवारों को आवासीय भूमि और आजीविका के लिए एक एकड़ जमीन, सहकारी खेती का प्रोत्साहन, सभी नागरिकों को निशुल्क व स्तरीय सरकारी शिक्षा व दवा, इलाज की व्यवस्था, शिक्षा-स्वास्थ्य के बजट में बढ़ोतरी, नागरिक अधिकारों की रक्षा, किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून, मजदूर विरोधी लेबर कोड की समाप्ति और पुरानी पेंशन योजना की बहाली जैसे ज्वलंत मुद्दे शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेकारी की भयावह स्थिति के चलते लोगों के पलायन में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट द्वारा निवेश व रोजगार सृजन के दावों की वास्तविकता प्रोपेगैंडा से एकदम अलग है। प्रदेश में भारी निवेश के प्रचार के उलट लोगों की बैंकों में जमा पूंजी का भी 60 प्रतिशत हिस्सा गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पलायन कर रहा है।
दरअसल प्रदेश में रोजगार सृजन और विकास अवरूद्ध है। रिक्त पदों को भरने के वायदे को लेकर सरकार गंभीर नहीं है और 6 लाख रिक्त पदों को भरा नहीं जा रहा। अगर सरकार व्दारा भूमिहीन, गरीब परिवारों को आवासीय भूमि और एक एकड़ कृषि योग्य जमीन, खेती के सहकारीकरण के लिए प्रोत्साहन और कृषि आधारित व लघु-कुटीर, छोटे, मझोले उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए तो बेकारी की समस्या का समाधान होता और प्रदेश का विकास भी सुनिश्चित होता हैं |
उन्होंने कहा कि रोजगार में गंभीर गिरावट और बेहद कम मजदूरी ,कर्ज वृद्धि और घटते व्यापार से लोग कराह रहें हैं | यह सब कार्पोरेट परस्त नीतियों के कारण हो रहा हैं | भाजपा सरकार सरकारी उपक्रमों का निजीकरण करके तथा उनका प्रबंधन कुछ चहेते कार्पोरेट घरानों को दे रहीं हैं | उन्होंने कहा कि कल से मुगलसराय में एजेण्डा यूपी पर आंदोलन चलाने के लिए बैठक होगी |