श्रीराम कथा के तीसरे दिन ब्यास पीठ से मानस मर्मज्ञ महन्त स्वामी रमाशंकर जी महाराज ने प्रभु श्रीराम के बाल लीला चरित्र का वर्णन किया |
श्री राम कथा में श्रोताओं की उमड़ रही भीड़
By-Diwakar Rai /ब्यूरो चीफ चंदौली |
धानापुर अंतर्गत स्थित कस्बा कमालपुर में स्थापित प्राचीन राम-जानकी मन्दिर परिसर में चल रही श्रीराम कथा के तीसरे दिन ब्यास पीठ से मानस मर्मज्ञ महन्त स्वामी रमाशंकर जी महाराज ने प्रभु श्रीराम के बाल लीला चरित्र का वर्णन करते हुए श्रोताओं को बताया कि भगवान राम ने बाल्य|वस्था में माता पिता व सखा संबंधी सभी को बतायें कि मातृ प्रेम,पिता प्रेम भाई प्रेम व अन्य से कैसा प्रेम किया जाय सबको समझायें।
तत्पश्चात आगे की कथा में यज्ञ रक्षण के लिए विश्वामित्र के पास जाते हैं, जिसका तात्विक ,सात्विक संदर्भ बताते हुए महाराज श्री ने समझाया विश्वामित्र जी सणांग संपन्न ऋषि हैं,इनके पास मंत्र भी है, सूत्र भी है,साधन भी है और साधना भी है। पूर्वाश्रम के राजा थे इस लिए इनके पास शत्र और शास्त्र भी है फिर भी इनका जीवन यज्ञ पूरा नहीं हो रहा था क्योंकि जीवन में राम और लक्ष्मण नहीं थे।राम का अर्थ ज्ञान , धर्म, और मर्यादा तथा लक्ष्मण का अर्थ वैराग्य ।
इनके बिना जीवन रूपी यज्ञ पूरा नही हो सकता है।इसके बाद अहिल्या उद्धार की कथा सुनाते हुए महाराज श्री ने बताया कि जीवन में राम तत्व का अनुभव होता है तब संसार का हर व्यवहार सब प्रिय लगने लगता है।
श्री राम के बिना जीवन अधूरा है। बहुत बड़ी प्रभु की कृपा होगी तभी मनुष्य कथा सुनता है।कथा में सुरेश रस्तोगी, झांके दूबे,संजय गुप्ता,श्रीनिवास गुप्ता,अमरनाथ जायसवाल,त्रिलोली जायसवाल, अर्जुन गुप्ता महुरा,गोविंद जायसवाल,शंकर गुप्ताउद्योग ब्यापार मंडल अध्यक्ष कमालपुर ,सुनील उपाध्याय,पप्पू पांडे,नीलम देवी,मंजू देवी,राधिका देवी,माधुरी देवी आदि भारी संख्या में श्रोतागण स्त्री, पुरुष उपस्थित रहे।