एक कार्यकाल में मानव संसाधन विकास मंत्रालय होने के बावजूद चंदौली में एक भी टेक्नोलॉजी का पढ़ाई करने वाले यूनिवर्सिटी क्यों नहीं बनी , मेडिकल कॉलेज पर भी बहस हैं कि राजकीय हैं या स्वायत्त हैं |
आईपीएफ नेता अजय राय ने कहा कि चंदौली सांसद जी को जबाव देना चाहिए व विपक्ष भी नीति स्पष्ट करें
दस वर्ष से चंदौली जनपद में किसानों की जमीन का सर्किल रेट क्यों नहीं बढ़ा, भाजपा जबाव दे?
चकिया, चंदौली , पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट। कौन जीत रही हैं पार्टी ,कौन जाति किसको वोट कर रहीं हैं. चार सौ पार पर चुनाव में बहस होगी या चुनाव में बहस होगी कि राबर्ट्सगंज व खासकर चंदौली के नौजवानों का रोजगार के लिए पलायन क्यों हो रहा हैं|
एक कार्यकाल में मानव संसाधन विकास मंत्रालय होने के बावजूद चंदौली में एक भी टेक्नोलॉजी का पढ़ाई करने वाले यूनिवर्सिटी क्यों नहीं बनी , मेडिकल कॉलेज पर भी बहस हैं कि राजकीय हैं या स्वायत्त हैं वहीं पांच साल बाद भारी उद्योग मंत्रालय मिला तो चंदौली में कोई उद्योग क्यों नहीं खुला , रामनगर रोजगार देने वाले हब क्यों नहीं हो सका यहां स्थापित उद्योग प्रदूषण मुक्त क्यों नहीं हुआ | आईपीएफ नेता अजय राय ने कहा कि चंदौली सांसद जी को जबाव देना चाहिए व विपक्ष भी नीति स्पष्ट करें |
प्रदूषण से आमजन की बिमारियों से शिकार होने की लगातार खबर समय-समय पर आती रहती हैं ! अब बात करें चंदौली के किसानों की तो उनके लिए कांग्रेस के समय बनी नहर बंधे बंधिया के आलावा कोई भी नहर की खुदाई नहीं हुई हैं भाजपा सरकार में यहां तक कि भोंका कट परियोजना पर भी केवल ब्यान बाजी भाजपा नेताओं द्वारा होती हैं! किसानों की खाद की किल्लत से मुक्ति दिलाने के लिए सहजौर में खाद की रैक केवल दिखावा हैं ! समय समय पर धान की खरीद , गेहूं की खरीद समर्थन मूल्य कम होने से किसानों का क्रय केंद्र से मोहभंग हो रहा हैं!
अब बातें हैं सरकार व चंदौली सांसद की वह कहते हैं कि विकास जबरदस्त हुआ हैं एनएच बना हैं , ओवरब्रिज बना हैं, हां बना हैं लेकिन कुछ प्रश्न हैं जिसका किसानों के सामने इनको उत्तर देना चाहिए! जब अधिग्रहण जमीन की होती हैं लेकिन जब समय के साथ मंहगाई बढ़ रही हैं तो किसानों की उपजाऊ जमीन की सर्किल रेट क्यों घट रही हैं!
उदाहरण के रूप में सैयद राजा क्षेत्र के नौबतपुर ग्राम पंचायत में राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण के लिए जिला प्रशासन ने जिस जमीन का सर्किल रेट सन् 2011में जिस जमीन पर मकान बना था उस मकान मालिक को2800 रू प्रति वर्ग मीटर से मुआवजा निर्धारित किया गया था लेकिन 2015 में इसी का सर्किल रेट 2136कर दिया गया | इस तरह से बीस प्रतिशत की गिरावट हुई हैं!
वहीं किसानों का यह भी आरोप था कि जमीन का मुआवजा नहीं मिला केवल मकान का मुआवजा मिलता हैं ! अब एक सवाल यह भी किस साजिश के तहत 2013से चंदौली जनपद में किसानों की जमीन का सर्किल रेट नहीं बढ़ रहा हैं ! भारत माला परियोजना में अधिग्रहण होने वाले किसानों का भी यही आरोप हैं जबकि हर दो साल में मूल्यांकन कर किसानों की जमीन की सर्किल रेट बढ़ानी हैं लेकिन दस साल सर्किल रेट नहीं बढ़ा !
आज भाजपा अन्नदाता किसान सम्मेलन में जबाव क्या देंगी और नहीं देती हैं तो अन्नदाता किसान सम्मेलन किसानों के लिए धोखा हैं ! जबकि विपक्ष को भी स्थिति व नीति स्पष्ट करनी चाहिए!