पूर्वांचल की बात : पृथक राज्य के गठन से जनता और प्रशासन के बीच की कम होगी दूरियां

पूर्वांचल की बात : पृथक राज्य के गठन से जनता और प्रशासन के बीच की कम होगी दूरियां

जब छोटे राज्यों के सिद्धांत पर अलग पूर्वांचल राज्य की स्थापना किया जाए और जनता और प्रशासन के बीच की दूरियां कम होगी, जिससे जनता के बीच में प्रशासन के प्रति विश्वास और भरोसा उत्पन्न हो | 

पूर्वांचल की बात : पृथक राज्य के गठन से जनता और प्रशासन के बीच की कम होगी दूरियां

उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से जिसे हम पूर्वांचल कहते हैं उसके पिछड़ेपन के प्रमुख वजह यह है :-

1. बदहाल कृषि व्यवस्था, अन  उपजाऊ भूमि, सिंचाई के साधनों का अभाव, फल सब्जी एवं अनाज मंडी का अभाव 
2. रोजगार के साधनों का अभाव, छोटे मझौली एवं बड़े उद्योगों का ना होना 
3. उच्च एवं तकनीकी शिक्षण संस्थाओं का अभाव 
4. उच्च एवं कुशल चिकित्सा संस्थाओं का अभाव 
5. पूंजीगत ढांचा संस्थाओं एवं बैंकर का अभाव
 6. सामानों के आयात निर्यात के केदो का अभाव 
7. परिवहन के साधनों उच्च कोटी के सड़कों एवं ट्रांसपोर्टर, रेलवे संस्थान एवं रेल डिपो का अभाव 
8. कल कारखानों के संचालन हेतु ऊर्जा संस्थान यानी कि बिजली का अभाव 
9. चुस्त दुरुस्त प्रशासनिक व्यवस्था का अभाव के कारण असुरक्षा का वातावरण 
10. सामाजिक विषमताएं जैसे जातिवाद की जटिलता, धार्मिक कट्टरता, समाज में स्त्री शक्ति की निम्नतम भागीदारी आदि कारण है,  जिसके कारण आजादी के 77 वर्ष बाद भी उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल हिस्सा आज भी विकास के बिंदु से कोसों दूर है जिसका मूल कर राजनीतिक इच्छा शक्ति एवं प्रशासनिक उदासीनता के कारण ही यह सब परिलक्षित होता है पूर्वांचल का विकास तभी संभव है |


पूर्वांचल की बात : पृथक राज्य के गठन से जनता और प्रशासन के बीच की कम हो दूरियां

जब छोटे राज्यों के सिद्धांत पर अलग पूर्वांचल राज की स्थापना किया जाए और जनता और प्रशासन के बीच की दूरियां कम हो जिससे जनता के बीच में प्रशासन के प्रति विश्वास और भरोसा उत्पन्न हो | राजनीतिक एवं प्रशासनिक ढूंढता से ही कृषि का उत्थान, उद्योगों का विस्तार परिवहन के साधनों का सुधारीकरण, उच्च एवं कुशल तकनीकी एवं चिकित्सी संस्थाओं की स्थापना संभव होगी और पूर्वांचल से मानवी संसाधन एवं युवा शक्ति का पलायन रुकेगा जो पूर्वांचल के विकास में मिल का पत्थर साबित होगा | 
इन्हीं सब उद्देश्यों को साकार करने हेतु पूर्वांचल राज्य संगठन कई वर्षों से पूर्वांचल राज्य की स्थापना की हेतु सतत प्रत्याशील है और पूर्वांचल राज्य संगठन इस बात के दिन संकल्पित है कि यदि वर्तमान सरकारी पूर्वांचल राज्य की स्थापना की दिशा में यदि कोई ठोस व सकारात्मक निर्णय नहीं लेती हैं तो पूर्वांचल राज संगठन अति शीघ्र पूर्वांचल के अंतर्गत आने वाले समस्त 28 जनपदों मैं अति शीघ्र व्यापक जन आंदोलन संचालित करेगा संपूर्ण जनता को पूर्वांचल राज के पक्ष में खड़ा करके सरकारों को दिवस करेगा की अति शीघ्र पूर्वांचल राज्य स्थापना की घोषणा करें!  

हमारा संकल्प ," पूर्वांचल राज्य के निर्माण से और पूर्वांचल राज्य के विकास तक | "

( लेखक-अरविंद कुमार भारद्वाज पूर्वांचल राज्य संगठन का सदस्य है और अधिवक्ता उच्च न्यायालय इलाहाबाद/ संयोजक- विश्व हिंदू परिषद विधि प्रकोष्ठ, उच्च न्यायालय इलाहाबाद ,मोबाइल : 9695396700 )

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